सीतामढ़ी SP के आदेश पत्र को लेकर विवाद, डीजीपी ने दी सफाई

City Post Live

सीतामढ़ी SP के आदेश पत्र को लेकर विवाद, डीजीपी ने दी सफाई

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सीतामढ़ी जिले के एसपी द्वारा लॉक डाउन को लेकर जारी एक आदेश को लेकर विवाद पैदा हो गया है. इस पत्र के जरिये एसपी ने अपने महकमे के अधिकारियों को ये आदेश दिया है कि अभी रमजान का महीना चल रहा है. मुस्लिम समाज के रमजान में रोजा रखनेवाले लोग सामान की खरीददारी को लेकर बाहर जायेगें. उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए. इस आदेश को लेकर अब सत्तापक्ष खासतौर पर बीजेपी के नेता सवाल उठा रहे हैं. बीजेपी के विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने भी सवाल उठाया है.

सच्चिदानंद राय का कहना है कि सरकार किसी धर्म विशेष को लेकर कैसे ऐसा आदेश जारी कर सकती है. एसपी का ये आदेश खूब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर किसके आदेश पर ऐसा हो रहा है.क्या बीस फीसदी लोगों को खुश करने के लिए 80 फीसदी आबादी को खतरे में डाल दिया जाएगा. कुछ लोग ये भी सवाल उठा रहे हैं कि इस तरह के आदेश से तो लॉक डाउन फेल हो जाएगा. सामान की खरीददारी के बहाने मुस्लिम समाज के लोग सडकों पर उतर जायेगें. सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का खतरा पैदा हो जाएगा.

लोग ये भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिस धर्म और जाति देखकर आम नागरिकों में ही भेद करती है. एसपी का लेटर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल होने लगा तो खुद डीजीपी ने सामने आकर सफाई दी. सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार द्वारा जारी किये गए आदेश पत्र पर सफाई देते हुए डीजीपी ने कहा कि इस आदेश पत्र की गलत तरीके से व्याख्या की जा रही है. यह आदेश पत्र सिर्फ रमजान में इबादत करने वाले लोगों को देखते हुए जारी किया गया है. गौरतलब है कि सीतामढ़ी के एसपी अनिल सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि इबादत करने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या ना हो इसका ख्याल रखा जाए.

गौरतलब है  कि बिहार में लॉकडाउन के कानून के प्रावधानों के तहत कहीं भी भीड़ इकट्ठा नहीं हो सकती. कोई धार्मिक अनुष्ठान सार्वजनिकरूप से नहीं किया जा सकता. ऐसे में किसी खास धर्म को लेकर जारी किए गए इस पत्र को लेकर सबसे ज्यादा सवाल बीजेपी के नेता ही उठा रहे हैं. नेता भले सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन वो मीडिया कर्मियों को इसका अर्थ समझा रहे हैं.बीजेपी के एक नेता ने अपना नाम गुप्त रखे जाने की शर्त पर कहा कि जमातियों के खिलाफ बिहार सरकार द्वारा सख्ती से कारवाई नहीं किये जाने की वजह से बिहार में कोरोना का संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ा है.

Share This Article