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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के ये हो सकते हैं कारगर तरीके

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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के ये हो सकते हैं कारगर तरीके

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस की वजह से हमारे जीवन में व्यापक बदलाव आए हैं. ना केवल हमारे निजी जीवन पर बल्कि हमारे रिश्तों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है. लेकिन महामारी के इस दौर में हम ख़ुद और अपनो को कैसे बचाएं और कैसे सुरक्षित रखें इसके लिए तमाम तरह की जानकारी, सुझाव और सलाह मौजूद हैं. लेकिन क्या हर सलाह आपके लिए फ़ायदे की है? ज़रूरी नहीं.

ये कुछ ऐसे टिप्स हैं, जो आपके लिए फ़ायदे के साबित हो सकते हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, कोरोना वायरस से ख़ुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेसिक और महत्वपूर्ण उपाय है कि हम सफ़ाई से रहें. साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है.

अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहें. समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोएं. या आप चाहें तो एक अल्कोहॉल बेस्ड सैनेटाइज़र भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सैनेटाइज़र को हाथों पर अच्छी तरह लगाएं. इससे अगर आप के हाथ पर वायरस मौजूद हुआ भी तो समाप्त हो जाएगा.अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें. हम अपने हाथ से कई सतहों को छूते हैं और इस दौरान संभव है कि हमारे हाथ में वायरस चिपक जाए. अगर हम उसी अवस्था में अपने नाक, मुंह और आंख को छूते हैं तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है.

अगर आप छींक रहे हैं या फिर खांस रहे हैं तो अपने मुंह के सामने टिश्यू ज़रूर रखें और अगर आपके पास उस वक़्त टिश्यू ना हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें.अगर आपने कोई टिश्यू इस्तेमाल किया है तो उसे जितनी जल्दी हो सके डिस्पोज़ कर दें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसमें मौजूद वायरस दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं.

यही वजह है कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने को कहा जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर दूर रहने की सलाह दी गई है.इसके अलावा बहुत सी जगहों पर लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में ही रहें और जब तक बहुत ज़रूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें. ताकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचा जा सके.इन सबके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह बेहद ज़रूरी है लोग हैंडशेक करने से परहेज़ करें और इसके बजाय ‘सेफ़-ग्रीटिंग’ जैसे नमस्ते या फिर कोहनी के इस्तेमाल या दूसरे तरीक़े से अभिवादन करें.

अगर आप किसी ऐसे मास्क का इस्तेमाल करते हैं जो एकदम साधारण है और जिसे आपने सुपर मार्केट से ख़रीदा था, तो वो आपके लिए मददगार नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ये मास्क बहुत ढीले होते हैं और इससे आंखों को सुरक्षा नहीं मिलती है. साथ ही इन्हें बहुत लंबे वक़्त तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.हालांकि अगर सामने से कई संक्रमित व्यक्ति छींक देता है तो उस स्थिति में ये ज़रूर मददगार साबित होता है.यहां ये याद रखने की ज़रूरत है कि कोरोना वायरस के जितने मामले अभी तक साने आए हैं उनमें से बहुत से मामले ऐसे हैं जिसमें संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नज़र नहीं आया लेकिन जब उन्हें टेस्ट किया गया तो वे पॉज़ीटिव पाए गए. ऐसे में अगर आप मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो कोई बुराई नहीं है.

ग्लव्स की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आप ग्लव्स का इस्तेमाल करते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप कोरोना वायरस से बच जाएंगे. लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि नंगे हाथ से चेहरा छूना ख़तरनाक साबित हो सकता है.विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोज़ाना साबुन से हाथ धोते रहना ग्लव्स की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कारगर है.

कोरोना वायरस संक्रमण का प्रमुख लक्षण बुखार और सूखी खांसी आना है. अगर आपको ये दोनों लक्षण नज़र आ रहे हैं तो बेशक आपको सावधान होने की ज़रूरत है.इसके अलावा गले में ख़राश, सिर दर्द, डायरिया जैसे लक्षण भी कुछ मामलों में पाए गए हैं. कुछ मामलों में लोगों ने शिकायत की है कि उनके मुंह का स्वाद भी चला गया. कुछ ने गंध ना महसूस होने की भी शिकायत की है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आपको ख़ुद में ऐसे लक्षण नज़र आ रहे हैं तो घर में रहें. अगर लक्षण बेहद कम भी हैं तो भी पूरी तरह ठीक होने तक घर पर ही बने रहें.याद रखें, कोविड19 के 80 फ़ीसदी मामलों में संक्रमण के लक्षण बेहद कम ही थे. ऐसे में यह ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है कि आप दूसरों के संपर्क में आने से बचें.अगर बुख़ार और खांसी लगातार बढ़ रही है और सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है तो अब आपको मेडिकल सलाह लेने की ज़रूरत है. हो सकता है कि इसकी वजह कोरोना संक्रमण हो भी और नहीं भी.पहले से ही अपने स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले शख़्स से संपर्क में रहें. ताकि आपको सही समय पर सही इलाज और सलाह मिल सके.मेडिकल जर्नल द लांसेट इंफेक्शियस डिज़ीज़ में छपी एक नई रिसर्च के मुताबिक़, कोविड 19 के मरीज़ों में 0.66 प्रतिशत लोगों के ही मरने की आशंका होती है.यह सामान्य फ़्लू से होने वाली मौतों से सिर्फ़ 0.1% ही अधिक है.

लेकिन यहां इस बात का ज़िक्र करना ज़रूरी हो जाता है कि अभी तक हमें मौत के सिर्फ़ वही मामले पता हैं जो अस्पताल में हुई हैं. इस बात की पूरी आशंका है कि मौत का आंकड़ा इससे अधिक हो, ऐसे में पुख्ता तौर पर कहना थोड़ा मुश्किल है.किसी महामारी के दौरान डेथ-रेट का आंकलन कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि संक्रमण होने और मौत होने के बीच समय का काफी फर्क़ होता है.इंपीरियल कॉलेज लंदन के मुताबिक़, जिन लोगों की उम्र 80 साल से अधिक है उनके लिए ख़तरा औसत से दस गुना अधिक है और वहीं जिनकी उम्र 40 से कम है उनके लिए ख़तरा कुछ कम है.

इसके साथ ही चीन में क़रीब 44 हज़ार लोगों पर एक विश्लेषण किया गया जिसमें पाया गया कि मधुमेह से पीड़ित लोगों, हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों वालों के मरने की आशंका पांच गुना अधिक होती है. फिलहाल कोरोना वायरस के लिए ना तो कोई ख़ास दवा तैयार की जा सकी है और ना ही वैक्सीन.ट्रीटमेंट के विकल्प हैं लेकिन ज़्यादातर लोग ख़ुद ही ठीक हो जाते हैं.पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस के लिए वैक्सीन ईजाद करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी इनके ट्रायल किए जाएंगे और उसके बाद ही कहीं जाकर कुछ स्पष्ट हो सकेगा लेकिन अभी इसमें वक़्त लगेगा.

इस बात में रत्ती भर भी शक नहीं है कि महामारी के इस दौर में मानसिक तनाव हो सकता है.हो सकता है कि आपको बेचैनी महसूस हो रही हो, आप तनाव महसूस कर रहे हों, परेशान हो रहे हों, दुखी हों, अकेला महसूस कर रहे हों.इसके लिए ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस ने दस टिप्स दिए हैं जिससे आप अपने मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रख सकते हैं. अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ फ़ोन, वीडियो कॉल या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में बने रहें.उन चीज़ों के बारे में बात करते रहें जिससे आपको परेशानी हो रही हो. दूसरे लोगों को भी समझने की कोशिश करें.अपनी नई दिनचर्या को व्यवहारिक तरीक़े से प्लान करें. अपने शरीर का ध्यान रखें. नियमित व्यायाम और ख़ान-पान का ध्यान रखें.आप जहां से भी जानकारियां ले रहे हों वो क्रेडिबल सोर्स हो और इस महामारी के बारे में बहुत अधिक ना पढ़ें. अपने व्यवहार को अपने नियंत्रण में रखें. अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखें.- वर्तमान पर फ़ोकस करें और यह याद रखें कि यह समय चिर-स्थायी नहीं है.- अपनी नींद को किसी भी तरह से बाधित ना होने दें.

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