बैंक लोन दिलाने के लिए एक लाख रुपये का घुस लिया.फिर 11 लाख का लोन पास करवा कर बैंककर्मियों की मिलीभगत से छह लाख रुपये दूसरी कंपनियों के अकाउंट में ट्रांसफर करवा दिया.
सिटीपोस्टलाईव:पटना के गौरीचक थाना में एक जालसाज और बैंक कर्मी द्वारा एक बेरोजगार युवक को छले जाने का मामला सामने आया है.इस सम्बन्ध में थाने में मामला दर्ज हो गया है.छले गए युवक राजन्जित कुमार के अनुसार एक जालसाज ने बेरोजगार को बैंक लोन दिलाने के लिए एक लाख रुपये का घुस लिया.फिर 11 लाख का लोन पास करवा कर बैंककर्मियों की मिलीभगत से छह लाख रुपये दूसरी कंपनियों के अकाउंट में ट्रांसफर करवा दिया. पीड़ित ने जब इसकी शिकायत थाने में की तो वहां से भी उसे भगा दिया गया. थककर उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद जालसाज और बैंककर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ.युवक गौरीचक थाना के सोनागोपालपुर गावं का रहनेवाला है.
पीड़ित रंजीत कुमार ने बताया कि गांव के ही अजय कुमार दुबे और सीमा देवी से मकान निर्माण के दौरान उसकी जान-पहचान हुई थी. 17 सितंबर 2017 को दोनों ने उसे शिक्षित बेरोजगार होने के नाते बैंक से लोन लेकर किराने की दुकान खोल लेने की सलाह दी.दोनों ने फिर बैंक लोन करवाने के नाम पर लोन पास करवा दिया .दोनों ठग अजय और सीमा 18 सितंबर को रंजीत को अपने साथ पीरबहोर थाना क्षेत्र के पटना विश्वविद्यालय के सामने स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा आए.वहां बैंक मैनेजर, बैंक सिस्टम मैनेजर, खाता खोलने, पास करने और अपडेट करने वाले और पूर्व कैशियर से मुलाकात कराई. मैनेजर ने फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाया .बैंक ने रंजीत और उसके पिता के द्वारा बैंक सिक्योरिटी के रूप में जमीन गिरवी रख लिया.। 13 दिसंबर 2017 को रंजीत के नाम 11 लाख रुपए का सीसी अकाउंट लोन पास हुआ.
लोन मिलने की प्रक्रिया के दौरान अजय कुमार दुबे ने 10 सादे चेक पर हस्ताक्षर कराकर रख लिए. पीडि़त ने रुपये खाते में आने पर पांच लाख रुपए निकालकर किराना के कारोबार में लगा दिया. इसके बाद जालसाजों ने पीड़ित द्वारा हस्ताक्षर किए गए चेक से अलग-अलग कंपनियों को पैसे ट्रांसफर करने शुरू कर दिए. जानकारी होने पर रंजीत ने कुछ चेकों का स्टॉप पमेंट कर दिया. दो जनवरी 2017 को चेक से एक लाख रुपए दूसरी कंपनी को भुगतान कर दिए गए. आरोप है कि बैंक अधिकारी और कर्मचारियों से मिलकर अजय दुबे और सीमा ने ही रंजीत के अकाउंट से छह लाख रुपए जालसाजी कर हड़प लिए.
रंजित पीरबहोर थाने में गया, जहां पुलिस ने केस दर्ज करने से इंकार कर दिया. रंजीत ने 25 अपै्रल 2018 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पटना के न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया. कोर्ट जाने पर अजय कुमार और बैंक मैनेजर ने घर पर पहुंचकर घर में ताला बंद करा देने की धमकी दी.इसके साथ ही दो लाख रुपए और देने की डिमांड भी की गई. पीड़ित ने मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक, जोनल मैनेजर, गौरीचक थाना, ग्रामीण एसपी, सिटी एसपी, एसएसपी, जिलाधिकारी, डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री को भी शिकायत पत्र भेजा है.