36 लाख लोगों के पास नहीं है राशन कार्ड, कैसे मिलेगा लॉकडाउन में राशन.

City Post Live

36 लाख लोगों के पास नहीं है राशन कार्ड, कैसे मिलेगा लॉकडाउन में राशन.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार लॉक डाउन में फंसे हर गरीब तक राशन पहुंचाने का दावा कर रही है.लेकिन सच्चाई ये है कि राज्य में अबतक 36 लाख लोगों के पास राशन कार्ड ही नहीं है. लॉकडाउन (Lockdown) में गरीबों को राशन (Ration) मिलना मुश्किल हो गया है. एक तरफ सरकार कहती है कि सभी को राशन दिया जाएगा पर दूरी तरफ हकीकत ये है कि अभी तक बिहार सरकार ने लाखों गरीबों का राशन कार्ड (Ration Card) तक नहीं बनाया. ऐसे में गरीबो को सरकार द्वारा घोषित मुफ्त राशन कैसे मिलेगा इसका जबाब किसी के पास नहीं.

बिहार सरकार ने सभी गरीबों तक 5 किलो चावल और 1 किलो दाल मुफ्त में देने का फैसला किया है. अप्रैल माह में सभी को राधान मुहैया भी करा देने का दावा किया है पर यह दावा पूरा होता नही दिखाई पड़ रहा है. बिहार की जनसंख्या आज लगभग साढ़े 11 करोड़ है. सरकार का दावा है कि अब तक 1.68 करोड़ परिवारों का राशन कार्ड बन चुका है जबकि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान ये बातें निकल कर आई थीं कि कई ऐसे राशन कार्ड हैं जो फर्जी हैं जिसे हटाने की बात चल रही है. दूसरी तरफ खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी खुद मानते हैं कि अब तक 47 लाख नये आवेदन आये हैं जिनमें से सिर्फ 11 लाख परिवार तक ही कार्ड पहुंच पाया है. मतलब साफ है कि अब भी 36 लाख लोगों तक कार्ड नहीं पहुंच पाया है. इन 36 लाख लोगों तक कब और कैसे अनाज पहुंचेगा अब तक साफ नहीं है.

अब जब गरीबों तक खाना पहुंचाने की बात हो रही है तो कार्ड बनवाने की बात कही जा रही है. सीएम नीतीश कुमार ने घोषण की है कि जिसके पास राशन कार्ड नहीं है तत्काल कार्ड बनाया जाए और राशन मुहैया कराई जाए. इतने सालों में अब तक सभी का राशन कार्ड नहीं बनने के बाद 36 लाख लोगों के कार्ड बनाने की बात पर खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन साहनी के दावा है कि अगले तीन दिनों में सबका राशन कार्ड बन जायेगा और सभी को मुफ्त राशन भी दिया जाएगा.

सभी को कार्ड बनाने और राशन मुहैया कराने के मंत्री के दावे को खोखला बताते हुए कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने बताया कि सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है. धरातल पर जरूरतमंदों को राशन मुहैया नहीं कराया ज रहा है. प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि अब तक लाखों लोगों का कार्ड क्यों नही बन पाया. जब जरूरत आन पड़ी है तो सिर्फ दावे किए जा रहे हैं.तमाम दावों के बावजूद पटना के ही कई ऐसे पंचायत हैं जहां पीडीएस की दुकानें बंद रह रही हैं. फुलवारीशरीफ प्रखंड के गोनपुरा पंचायत में 6 पीडीएस दुकान में सिर्फ एक में ही राशन का सामान बंट रहा है. मुफ्त राशन देने का ऐलान हो चूका है लेकिन  अभी तक दुकानों में गोदाम से राशन भेजा ही नहीं गया है इसलिए लोगों को नहीं मिल पा रहा है. हालांकि मुखिया ने यह भी बताया कि पिछले मार्च तक का राशन सभी को दिया जा चुका है.

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