1400 किलोमीटर पैदल चलकर 22 दिन में राजस्थान से बिहार पहुंचे 60 मजदूर
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के गोपालगंज जिले में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते राजस्थान में फंसे कई कई मजदूर पैदल ही गोपालगंज की सीमा पर पहुंच गए हैं. पिछले कई दिनों से पैदल चलते रहने के कारण अधिकांश मजदूर कमजोर हो गए हैं. कुछ ही कदम चलने के बाद ये मजदूर लड़खड़ाने लगते हैं. जानकारी के मुताबिक, सभी मजदूर सीतामढ़ी जिले के रून्नी सैदपुर, सोनबरसा व भिट्ठामोड़ के रहने वाले हैं. इनके जत्थे में 60 मजदूर हैं. सभी लोग राजस्थान के जैसलमेर से पैदल ही अपने घर जा रहे थे.
मजदूरों का कहना है कि जैसलमेर से 22 दिन पहले पैदल यात्रा शुरू की थी. अब 1400 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद ये लोग गोपालगंज पहुंच गए हैं. 22 दिन पैदल चलने के बाद इनकी दशा काफी खराब हो गई है. सभी बीमार दिख रहे थे. कुछ ही कदम चलने के बाद ये लड़खड़ा रहे थे. आलम यह है कि इन लोगों की अभी स्क्रीनिंग या अन्य मेडिकल जांच तक नहीं की गई है.
एक मजदूर ने बताया कि जैसलमेर जिले में वे लोग पत्थर के खदान में काम कर रहे थे. लॉकडाउन लागू होते ही खदान बंद हो गया. खदान मालिक ने काम करने वाले मजदूरों को घर चले जाने के आदेश दे दिए. इसके बाद उन लोगों ने किराए पर वाहन की तलाश की लेकिन कोई भी आने के लिए तैयार नहीं हुआ. ऐसे में वे लोग पैदल ही घर जाने का निश्चय किया और यात्रा शुरू कर दी. राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश का बॉर्डर पार करते हुए 22 दिन में वे लोग गोपालगंज की सीमा तक पहुंच गए. मजदूरों का कहना है कि रास्ते में कहीं पर भी उनलोगों की जांच नहीं हुई और किसी ने कहीं रोका भी नहीं.
एक मजदूर ने बताया कि रास्ते में कुछ जगहों पर सामाजिक संगठन खाने के लिए भोजन दे देते थे. वहीं, प्रशासन के डर से वे लोग रास्ते में भी कुछ दूरी बनाकर चलते थे. मजदूरों का कहना है कि तीन राज्यों की सीमा पार के बाद भी अभी तक स्वास्थ्य की जांच नहीं हुई है. ऐसे में वे लोग खुद कोरोना से संक्रमित होने की आशंका से डरे हुए हैं. बता दें कि मजदूरों की भारी संख्या में हो रहे पलायन के दौरान यूपी बिहार की सीमा पर बसों का परिचालन किया गया था. उस समय दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग जांच की व्यवस्था बलथरी चेकपोस्ट पर की गई थी, लेकिन अब नहीं है.