रांची: लालू यादव के पैरोल पर कैबिनेट में लग सकती है मुहर
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड कैबिनेट की सोमवार को होने वाली बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को पैरोल पर ज़मानत देने के फैसला पर मुहर लग सकती है। लालू के ज़मानत की वकालत सत्ता पक्ष के कई मंत्री और विधायक करते रहे हैं। कांग्रेस के मंत्री बादल पत्रलेख, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी तो लालू को पैरोल पर ज़मानत दिए जाने की खुलकर पैरवी की है। कोरोना के मद़देनजर राज्य के जेलों में भीड़ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सात साल से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाए ताकि इस संक्रमण के फैलने को रोका जा सके।
जिसे लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट के जस्टिस एससी मिश्रा की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जेल आईजी शशि रंजन व डालसा के सचिव मौजूद थे। बैठक में तय किया गया कि आर्थिक आपराधिक और सात साल या उससे ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जाएगी। वहीं, गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पैरोल का विरोध सरकार नहीं करेगी। इन सभी मामलों में संबंधित कोर्ट ही फैसला करेगा। इस फैसले से लालू यादव की रिहाई के इन्तज़ार और उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा । क्यूंकि लालू यादव आर्थिक अपराध जैसे गम्भीर मामले में 7 साल की सज़ा काट रहे हैं। ऐसे में कैबिनेट की बैठक लालू यादव की एक और उम्मीद हो सकती है।
रांची के रिम्स में इलाजरत लालू पेइंग वार्ड के अपने कमरे से दस दिनों से बाहर नहीं निकले हैं। लालू प्रसाद की दिनचर्या में काफी बदलाव हुआ है। कोरोना ने एक छोटे से कमरे में कैद रहने को मजबूर कर दिया , जहां लालू रिम्स में इलाजरत हैं उसके बगल के वार्ड में कोरोना के मरीज रखे जा रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के भय से लालू प्रसाद को अपने वार्ड में टहलने तक में पाबंदी लगा दी गई है।
लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू प्रसाद की उम्र अधिक है। वे पहले से ही किडनी समेत 14 अलग-अलग तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं। इसलिए उन्हें बाहर निकलने से पूर्णत: मना कर दिया गया है।कैबिनेट मीटिंग में कोरोना से निपटने के लिए सरकार कई अहम फैसले ले सकती है। इसके अलावा लालू यादव के पेरोल पर ज़मानत को भी स्वीकृति मिलने की संभावना जताई जा रही है।