ना शिकायत है ना ही निर्देश, कंधे से कंधा मिलाकर जनता को संकट से निकालेंगे
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता गुरुवार की शाम रामगढ़ पहुंचे, तो उन्होंने जिले के तमाम अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके बाद उन्होंने मीडिया कर्मियों से साफ शब्दों में कहा कि मैं यहां न तो कोई शिकायत लेकर आया हूं, और ना ही मेरे पास बड़ा निर्देश है। मैं सिर्फ यहां की हकीकत जानने आया था। आज पूरा विश्व कोरोनावायरस से लड़ रहा है। झारखंड प्रदेश की गिनती पिछड़े राज्यों में होती है। यहां का खजाना खाली है, लेकिन हौसले बुलंद हैं। हम इस जंग में चीटियों की ताकत और एकता का परिचय देंगे। जिस तरह एक चींटी अपने वजन से कई गुना अधिक भार लेकर यात्रा करती है। वैसे ही हम बुलंद हौसलों के साथ इस महामारी से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि रामगढ़ जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था और गरीबों की दशा जानने आया था। यहां यह जानकर अच्छा लगा कि काफी सारे अस्पताल बेहतर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई निजी कंपनियां काम कर रही हैं। इस जंग में उनकी भूमिका भी काफी अहम है। वे सीएसआर फंड के तहत हमें कितना सहयोग करेंगे और हम उनसे कितना सहयोग ले पाएंगे, यह एक मजबूत समन्वय स्थापित कर तय किया जाएगा। आज विपदा की इस घड़ी में सारे स्वास्थ्य कर्मी, सारे विभागों के कर्मचारी और उनके आला अधिकारी कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे, तो झारखंड को इस संकट से बाहर निकाल लाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन के तहत सभी विधायकों को ₹15 लाख उपलब्ध कराए हैं। इससे गरीबों को अनाज पहुंचाने और उनकी जरूरतों को पूरा करने का काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसी के पास राशन कार्ड हो या ना हो, वह एपीएल हो या बीपीएल, कोई अंतर नहीं है। हर किसी को अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य उपकरणों को उपलब्ध कराने के लिए लगातार केंद्र सरकार से मांग की जा रही है। हालांकि बहुत बड़ा सहयोग नहीं मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता ही कही जाए कि यहां दूसरे प्रदेशों के मुकाबले कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से लड़ने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। झारखंड सरकार इस पर बहुत ही मजबूती से काम कर रही है।