फेंक न्यूज रोकने का सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश, कहा- ज्यादा जानें ले सकता है डर
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर फेंक न्जूय की भरमार है. लोग इस फेक न्यूज़ की वजह से दहशत में हैं. तरह-तरह की भ्रांतिया और अफवाह फैलाई जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने फेक न्यूज़ को गंभीरता से लिया है और केन्द्र सरकार को इसपर रोक लगाने को कहा है. कोर्ट ने चेताया कि लोगों में दहशत का माहौल कोरोना के खतरे से ज्यादा जानें ले सकता है. सरकार महामारी पर अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करे.
दरअसल पलायन को मजबूर कामगारों को राहत मुहैया कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दी गई हैं. कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि उसने कामगारों के लिए क्या किया. अपने जवाब में केंद्र ने मंगलवार को कहा कि जो भी जरूरतमंद हैं, हमने उनके रहने-खाने का प्रबंध किया है.चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि शेल्टर होम आदि के प्रबंधन का काम वॉलंटियर को दिया जाए, पुलिस को नहीं. कैंप में लोगों की चिंता कम करने के लिए सभी धर्म-संप्रदायों के नेताओं और धर्म गुरुओं की मदद ली जाय. चाहे भजन-कीर्तन, नमाज कराइए, लेकिन उनका डर दूर होना जरूरी है.
कोर्ट ने चेताया कि लोगों में दहशत का माहौल कोरोना के खतरे से ज्यादा जानें ले सकता है। सरकार महामारी पर अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करे.कोर्ट ने फर्जी खबरों से मुकाबले के लिए महामारी पर लोगों तक रीयल टाइम जानकारी पहुंचाने के लिए 24 घंटे में पोर्टल शुरू करने को कहा. केंद्र ने कहा कि लोगों में दहशत ना फैले इसके लिए हम काउंसिलिंग कराने पर भी विचार कर रहे हैं.