ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए राहुल का छलका दर्द, कहा-बहुत अच्छे दोस्त हैं हम
सिटी पोस्ट लाइव : ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद कांग्रेस के नेतागण उनसे नाराज चल रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने तो उन्हें गद्दार घोषित कर दिया है। जिसके बाद राहुल गांधी ने भी उन्हें अपना दोस्त बताते हुए बयान दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि ये आदर्शों की लड़ाई है। जिसके एक तरफ कांग्रेस है तो दूसरी तरफ बीजेपी-आरएसएस। उन्होंने कहा कि मुझे पता है ज्योतिरादित्य सिंधिया के आदर्श क्या हैं। वो मेरे साथ कॉलेज में थे। मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। उन्हें अपने पॉलिटकल भविष्य की चिंता हो गई। जिससे वो अपने आदर्शों को भूलकर आरएसएस के साथ हो गए। राहुल गांधी ने कहा कि वास्तविकता ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में वो सम्मान नहीं मिलेगा। जिससे वो कभी बीजेपी में संतुष्ट नहीं रहेंगे। उन्हें इस बात का एहसास होगा। मुझे पता है क्योंकि हम सालों से दोस्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिल में जो है, वो उनकी जुबान पर नहीं है।
गौरतलब है कि बीजेपी का दामन थामने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगा दिए. अपनी उपेक्षाओं से नाराज होकर बुधवार को उन्होंने बीजेपी का दामन थामा. ज्योतिरादित्य ने कहा कि वर्ष 2018 में जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो लोगों को और उन्हें सरकार से काफी उम्मीद थी. सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनने के दस दिनों के अंदर किसानों का ऋण माफ कर दिया जाएगा, लेकिन 18 माह गुजरने के बाद भी ये नहीं हो सका है. राज्य में किसानों की हालत बेहद खराब है. इतना ही नहीं युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है.
ज्योतिरादित्य ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की रहमोकरम पर रेत माफिया धड़ल्ले से अपना काम कर रहा है. सरकार में घूस लेकर ट्रांसफर किए जा रहे हैं. ओलावृष्टि के गिरने से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिल सका है. मंदसौर गोलीकांड के बाद पीडि़तों के हक के लिए जो उन्होंने एक सत्याग्रह चलाया था उसकी मांग को नजरअंदाज किया गया. आज भी लोगों पर झूठे मामले चल रहे हैं.
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में जो वादे किए थे और जिनके आधार पर उन्हें लोगों का विश्वास हासिल हुआ, उन्हें भी पूरा नहीं किया गया. ज्योतिरादित्य ने कहा कि कांग्रेस हकीकत से मुंह फेरे हुए है. वह इसको स्वीकारना नहीं चाहती है. उनका आरोप था कि कांग्रेस अब पहले वाली पार्टी नहीं रही है जिसमें रहकर जनसेवा का मकसद पूरा किया जा सके. नई सोच और नए नेतृत्व को कांग्रेस पार्टी मौका नहीं दे रही है.