आर्टेमिस अस्पताल ने विशेष इनफर्टिलिटी प्रोग्राम और जागरूकता अभियान शुरू किया

City Post Live - Desk

आर्टेमिस अस्पताल ने विशेष इनफर्टिलिटी प्रोग्राम और जागरूकता अभियान शुरू किया

सिटी पोस्ट लाइव : आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) में एक्सीलेंस के एक दशक पूरा करने का जश्न मनाते हुए आर्टेमिस अस्पताल ने एक विशेष इनफर्टिलिटी प्रोग्राम और जागरूकता अभियान शुरू किया। इस अवसर पर आर्टेमिस अस्पताल ने आईवीएफ शिविर में भाग लेने वाले दंपतियों के लिए बिना किसी शुल्क के ओपीडी कंसल्टेशन की व्यवस्था की।

आर्टेमिस अस्पताल के डॉ. सोनू बल्हारा, हेड रिप्रोडक्टिव मेडिसिन,के नेतृत्व में इनफर्टिलिटी को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया गया। आईवीएफ और रिप्रोडक्टिव मेडिसिन से जुड़े मिथकों तथा तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि इनफर्टिलिटी को केवल एक महिला समस्या के रूप में जाना जाता है, जो सच नहीं है। एक पुरुष भी फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं के लिए समान रूप से जिम्मेदार हो सकता है।

डॉ. सोनू बल्हारा, हेड रिप्रोडक्टिव मेडिसिन, आर्टेमिस अस्पताल ने कहा,“हम आर्टेमिस अस्पताल के आईवीएफ में एक्सीलेंस के एक दशक पूरा करने का जश्न मनाते हुए काफी खुश हैं।पिछले कुछ वर्षों में युवा दंपतियों में इनफर्टिलिटी सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गया है।जीवन शैली में बदलाव लाकर इस स्थिति को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है तथा नियमित जांच स्थिति की पहचान करने में सहायक हो सकता है। हम सभी युवा दंपतियों को स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने और किसी भी लक्षण के सामने आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलने का सुझाव देते हैं।“

आर्टेमिस अस्पताल में दो साल पहले आईवीएफ इलाज अपनाने वाले एक दंपति कार्यक्रम में मौजूद थे, उन्होंने कहा, “हमने आर्टेमिस अस्पताल में डॉ. सोनू बल्हारा से सलाह ली और हमें इस बात की खुशी है, क्योंकि हमें उनसे हमेशा बहुत ही अच्छा सुझाव और सहयोग मिला।अपने सकारात्मक व्यवहार के साथ उन्होंने हर कदम पर हमें उचित सलाह दी। उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं।” इस दंपति को जुड़वा बच्चे (लड़का और लड़की) हुए, जो अभी एक साल के हैं।

गुरुग्राम से अरविन्द द्विवेदी की रिपोर्ट

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