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कोरोना के डर से लोग चिकन खाने से कर रहे परहेज, इन सब्जियों के बढ़ गए हैं भाव

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कोरोना के डर से लोग चिकन खाने से कर रहे परहेज, ये सब्जियां बनी फेवरेट

सिटी पोस्ट लाइव : पूरे विश्व पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. अबतक भारत में 72 से अधिक संधिग्ध मरीजों का इलाज डॉक्टरों की निगरानी में की जा रही है. इस खतरे से बचने के लिए भारत सरकार ने सोशल मीडिया, स्वास्थ्य केन्द्रों यहां तक की फोन कॉल से पहले तक लोगों को जागरूक करने के लिए कैम्पेन चला रही है. ऐसे में लोग जागरूक तो हो रहे हैं लेकिन बहुत सारे अफवाह भी लोगों के मन में घर कर गया है. जैसे चिकन और अंडा खाने से कोरोना का खतरा हो सकता है.

यही नहीं कई लोगों ने तो मांसाहार छोड़ शाकाहारी बन गए हैं. अब जब मांस-मछली खाने में भय है तो जाहिर है अच्छे जायके के लिए लोग बेहतर सब्जियों की ओर जायेंगे. इसलिए इन दिनों कटहल, चिकन प्रेमियों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है. कोरोना का चिकन से अभी तक कोई संबंध नहीं मिला है, लेकिन इसके बाद भी लोगों में चिकन खाने को लेकर जबर्दस्त खौफ है. लोग अब चिकन के बजाए कटहल को तरजीह दे रहे हैं. कटहल की आकस्मित मांग बढ़ने से इसके भाव भी आसमान पर हैं. इतना ही नहीं परवल व केले की भी डिमांड मार्केट बढ़ गई है.

हालत यह है कि कल तक जो कटहल मार्केट में 50 रुपये किलो बिकता था, अब वह 120 रुपये किलो में मिल रहा है. दरअसल चिकन के बजाए लोगों कटहल प्रेम का एक कारण इसका मांस-मछली जैसा स्वाद है. दूसरी ओर चिकन की कहानी उल्टी है. जो चिकन ढाई सौ रुपये तक बिक रहा था, वह अब कई स्थानों 60 रुपये किलो तक आ गया है. कोरोना वायरस से मुर्गी पालन उद्योग को बड़ा झटका लगा है.

गोरखपुर में तो पॉल्ट्री फार्म असोसिएशन को हाल में चिकन मेला का आयोजन तक करना पड़ा. आलम यह है कि कर्नाटक के बेलागावी में एक पॉल्ट्री फार्म वाले ने लगभग 6 हजार चूजों को ट्रक में भरकर जिंदा ही खेतों में गाड़ दिया. इस किसान का बोलना था कि, ‘मेरे पास कोई अन्य रास्ता नहीं बचा था. इन मुर्गों पर लगभग 6 लाख रुपये की लागत आई. इनके खाने व दवाइयों का खर्चा ज्यादा है.’

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