युवा देश के भविष्य हैंं, उन्हें अभी से ही तैयार करने की जरूरत: राज्यपाल

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युवा देश के भविष्य हैंं, उन्हें अभी से ही तैयार करने की जरूरत: राज्यपाल

सिटी सिटी लाइव, हजारीबाग: युवा देश के भविष्य हैं। ऐसे में उन्हें अभी से ही तैयार करने की जरूरत है। इस दिशा में केंद्रीय युवा कार्य खेल कूद एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत राष्ट्रीय एकता शिविर का आयोजन किया जाता है। राज्यपाल  विनोबा भावे विश्वविद्यालय में चल रहे एनएसएस के सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर के समापन समारोह के मौके पर बोलते हुए कही।

उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ कला एवं संस्कृति तथा सामाजिक दायित्वों को भी  निभाने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात साल पहले एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत इस प्रकार की  गतिविधियों को प्रारंभ किया था। अब यह कार्यक्रम केवल विश्वविद्यालय में ही नहीं, बल्कि विद्यालय में भी आयोजित हो रहा है। इसके माध्यम से छात्र छात्राएं देश के अन्य राज्यों की कला संस्कृति, खाना-पान, पहनावा, परंपराएं आदि की जानकारी प्राप्त करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि देश के समक्ष अंधविश्वास, अशिक्षा, जातिए भेद-भाव जैसी कई चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों का समाज सामना कर सके इसकी अपेक्षा भी युवाओं से है। महात्मा गांधी के विचारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा  कि केवल किताबी शिक्षा से नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने की दिशा में भी युवाओं को प्रेरित किया जाना चाहिए।  मुर्मू ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों से आग्रह किया कि वे छात्रों को कम से कम एक रात एक दिन गांव में रहने के लिए भेंजें, ताकि वे वहां रहने वाले लोगों की जीवनशैली उनकी समस्याओं को नजदीक से समझ सकें।
एनएसएस के सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर में झारखंड की टीम को प्रथम पुरस्कार दिया गया। वहीं बिहार की टीम को दूसरा पुरस्कार मिला। माननीय राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दोनों टीमों के सदस्यों को शील्ड देकर पुरस्कृत किया।  इस अवसर पर कुलपति प्रो. रमेश शरण ने कहा कि युवाओं के बल पर दुनिया बदली है। ऐसे में युवा परिवर्तन का माध्यम बने। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय शिविर में स्वयं सेवकों की प्रतिबद्धता, अनुशासन एवं उत्साह देखते ही बना है।  उन्होंने होली के अवसर पर अहंकार, घृणा, द्वेष एवं क्रोध का दमन करने एवं प्रेम के रंग का संचार करने की भी अपील की। 
एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार ने बताया कि 13 राज्यों के 38 विश्वविद्यालयों के 194 छात्र छात्राओं एवं 16 कार्यक्रम अधिकारियों ने राष्ट्रीय एकता शिविर में हिस्सा लिया। उन्हें एक भारत श्रेष्ठ भारत, फिट इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया की जानकारी दी गई। साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं से भी अवगत कराया गया। स्वागत भाषण एनएसएस के विश्वविद्यालय समन्वयक जाॅनी रुफीना तिर्की एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति डाॅ. कुनुल कंडीर ने की। कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव डाॅ. बंशीधर रुखैयार, उपायुक्त डाॅ. भुवनेशप्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल, सदर एसडीओ मेघा भारद्वाज सहित विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के कई अधिकारी उपस्थित थे।
माननीय राज्यपाल की उपस्थिति में एनएसएस के राष्ट्रीय एकता शिविर में शामिल 13 राज्यों में से चार टीमों की सांस्कृतिक प्रस्तुति की गई। उत्तराखंड की टीम ने मां नन्दा देवी के आह्वान को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तूत किया। इसके बाद उड़ीसा की टीम द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तूूति की गई। महाराष्ट्र की टीम ने वहां के महापुरुष पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तूूत किया। वहीं बिहार की टीम ने भगवान श्री कृष्ण के गोपी रूप धरकर राधा एवं गोपियों के संग रास रचाए जाने के गीत पर शानदार नृत किया।

 

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