दिल्ली हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा 32 पहुंचा, उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई मोहल्ले सुनसान
सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा अभीतक शांत नहीं हुई है. हिंसा के कारण उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाके और मोहल्ले वीरान हो चुके हैं. सैंकड़ो गाडियां, दुकाने, घर, जला दी गई है. हिंसा की जो ख़बरें सामने आई है उसके मुताबिक उपद्रवी बुधवार रात में कई घंटो तक उपद्रव मचाते रहे. इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 32 पहुंच चुकी है. जो अभी और बढ़ने की सम्भावना है. यही नहीं 200 से अधिक लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया है और 18 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. दिल्ली में हिंसा 23 फरवरी की शाम से हो रही है। लेकिन पिछले दो दिनों में ये और भी हिंसक हुआ.
बता दें हिंसा प्रभावित इलाकों मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर और बाबरपुर में फिलहाल शांति है. इन इलाकों में दिल्ली पुलिस, आरपीएफ और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. इस बीच अपने विवादित बयानों से चर्चा के केन्द्र में आए भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आप पार्षद ताहिर हुसैन पर बड़ा आरोप लगाया है. मिश्रा ने आरोप लगया है कि ताहिर हुसैन हिंसा के पीछे है व आई बी ऑफिसर समेत तीन लोगों की मर्डर के लिए जिम्मेदार है. मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘हत्यारा ताहिर हुसैन हैं. सिर्फ अंकित शर्मा नहीं चार लड़कों को घसीट कर ले गए उनमें से तीन की लाश मिल चुकी हैं. वीडियो में खुद ताहिर हुसैन नकाबपोश लड़को के साथ, लाठी, पत्थर, गोलियां, पेट्रोल बम लेकर दिख रहा हैं। ताहिर हुसैन लगातार केजरीवाल व AAP के नेताओं से बात कर रहा था.’
हालांकि दिल्ली में हालात अब सामान्य हैं. यहां हिंसा प्रभावित इलाकों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हिंसा के दौरान 24 घंटे के भीतर गृहमंत्री अमित शाह ने तीन बार बैठक की. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर भी बैठक की और अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में भी शामिल हुए. सभी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस हिंसा के पीछे हाथ किसका है. क्या ये सोंची समझी राजनीति के तहत हिंसा करवाई गई, या ये महज एक साम्प्रदायिक हिंसा है, सैंकड़ो घर गाडियां, दुकाने और लोगों की जिन्दगी छीन ली. इसकी जांच जरुरी है. इतना ही नहीं हिंसा करने वालों के साथ हिंसा करवाने वालों को कठोर से कठोर सजा देने की जरुरत है.