पूर्वी चम्पारण के कई इलाकों में कश्मीर का नजारा, सड़कों पर एक फिट से ऊपर बिछा बर्फ
सिटी पोस्ट लाइव : पूर्वी चम्पारण के लोग जब आज सुबह-सुबह सो कर उठे तो उन्हें खुद को अपने गाँव में होने के बजाए काश्मीर में होने का भ्रम होने लगा. लोग सोंच में डूब गए कि क्या वे सच में तो कश्मीर नहीं आ गए. दरअसल पूर्वी चम्पारण के देवकुलिया गाँव में आधी रात से हो रही बारिश और भारी ओलावृष्टि ने पूरे गांव को बर्फ की चादर से ढँक दिया है. गाँव के खेत खलिहान से लेकर सभी घरों की छतों पर बर्फ ही बर्फ है. सड़कों पर एक फिट से ऊपर बर्फ बिछ गया है , कुछ लोग सेल्फी लेते नजर आए तो वही किसान अपने फसल के नुकसान से मायूस हैं.
फेनहारा के अलावा पूर्वी चम्पारण के कई इलाकों में वर्षा के साथ ओला बृष्टि हो रही है. पकड़ीदयाल अनुमण्डल, अरेराज अनुमण्डल, मोतिहारी सदर अनुमण्डल रक्सौल के कई इलाकों में भी वर्षा के साथ ओला बृष्टि हो रही है. जिस वजह से आज फरवरी में सर्दी का सितम वापस लौट आया है. वहीं दीन में ही अंधेरा छा गया. सड़क पर लोग गाड़ियों की लाईट जला कर चल रहे थे.
चार माह ठंड से कंपकंपाने के बाद सोमवार आधीरात से ही बारिश शुरू हो गई. स्कूली के बच्चो को स्कूल आने जाने में सबसे ज्यादा परेशानी हुई. वहीं पूर्वी चम्पारण में निकल रहे धूप ने सर्दी के तेवर को भी फीका कर दिया है. लोग बसंत के खुशनुमा मौसम का आनंद ले पाते, इससे पहले ही मौसम ने एक बार फिर यू-टर्न ले लिया. और भारी बारिश व ओलावृष्टि के बाद ठंड फिर से लौट आई. सुबह से चल रही सर्द हवा व वारिश के कारण अधिकतम तापमान लुढ़क कर नीचे आ गया. वहीँ सर्दी का प्रकोप बढऩे से अचानक ठिठुरन बढ़ गई.
कंपकंपा देने वाली सर्दी से बचने के लिए लोगों को एक बार फिर से अलाव का सहारा लेना पड़ा. तापमान में गिरावट को देखते हुए मौसम विभाग ने अगले दो दिन शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है. बसंत के मौसम में लुढ़कता पारा व हो रही वारिश लोगों की सेहत पर भी असर डाल रही है. फरवरी में सर्दी के अटैक को जहां फसलों के लिए नुकसानदेह बताया जा रहा है. किसान अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इनके फसलों के छति का मुआवजा दें अन्यथा किसानों की आर्थिक हालत काफी ख़राब हो जाएगी.
वहीं बिन मौसम बारिश के बाद बढ़ी ठंड से लोगों की सेहत नासाज होने लगी है. वहीं आज राजधानी पटना सहित प्रदेश में भी मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल गया. दोपहर में बादल के कारण रात जैसा अंधेरा छा गया यहां तक की गाड़ी चलाने वालों को अपनी अपनी गाड़ियों की हेडलाइट जलानी पड़ गई.