एशिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो का आयोजन, आज पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन.
सिटी पोस्ट लाइव :उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का आयोजन आज होने जा रहा है. ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस’ की थीम पर आयोजित इस डिफेंस एक्सपो में पीएम मोदी दुनियाभर की कंपनियों के प्रतिनिधियों, राजनयिकों से संवाद कायम करेंगे.PM मोदी इस एक्सपो में दुर्गम अभियानों को अपनी बहादुरी से सुगम बनाने वाली सेना की जाबांजी भी देखेंगे. इस एक्सपो में दुनियाभर से आये मेहमान भी हमारी रक्षा तकनीक, ताकत, तरक्की और सेना के शौर्य से मुखातिब होंगे.
बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर के लॉन्चिंग पैड के तौर पर देखे जा रहे एक्सपो में देश और यूपी का निशाना दुनियाभर की कंपनियों के निवेश पर होगा.हथियारों की दृष्टि से यह एशिया का सबसे बड़ा ‘बाजार’ होगा. वृंदावन योजना के सेक्टर-15 में 43 हजार वर्गमीटर में फैले ‘डिफेंस एक्सपो’ क्षेत्र में देश-विदेश की दिग्गज रक्षा कंपनियां अपने-अपने तरकश के ‘तीर’ दिखाएंगी. 9 फरवरी तक वृंदावन से लेकर गोमती रिवर फ्रंट तक वायु, थल और नौसेना अपने हैरतअंगेज करतब दिखाएंगी.
भारत की पहली स्वदेशी तोप धनुष पर केंद्रित ‘इंद्रधनुष’ इंडिया पवेलियन की केंद्रीय थीम है. रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों और उत्पादों का इसमें शोकेस होगा. 80 भारतीय कंपनियों के 90 से अधिक रक्षा उत्पाद इसमें दिखेंगे. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के भी 16 नए रक्षा उत्पाद लॉन्च होंगे. यूपी पवेलियन में दुनियाभर के रक्षा निवेशकों को यहां की संभावनाओं से परिचित करवाया जाएगा. डिफेंस कॉरिडोर, एक्सप्रेस-वे, रक्षा निर्माण नीति, यूपी में निवेश के अवसर, पर्यटन से संस्कृति तक की झलक यहां दिखेगी.
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस एक्सपो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम भारत को रक्षा निर्माण का हब बनाना चाहते हैं. इस दशक के आखिर तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और रक्षा क्षेत्र इसमें अहम भूमिका निभाएगा। इससे रोजगार के भी बड़े अवसर पैदा होंगे. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि एक्सपो में 70 से अधिक देशों की रक्षा कंपनियां और 39 देशों के रक्षामंत्री हिस्सा ले रहे हैं. अमेरिका, यूके, यूएई, साउथ कोरिया, चेक रिपब्लिक, रूस, मेक्सिको, इजरायल जैसे देश शामिल हैं.
15 से अधिक अफ्रीकी देशों के रक्षामंत्रियों के साथ विशेष कॉन्फ्रेंस का भी पहली बार आयोजन होगा. इसके जरिए भारत अफ्रीकी देशों में रक्षा उत्पादों के बाजार की संभावनाएं तलाशेगा. राजनाथ ने कहा कि भारत लंबे वक्त तक रक्षा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर नहीं रहेगा. हमारी कोशिश है कि एक भाई जवान, एक किसान और तीसरा श्रमवान हो. हम नहीं चाहते कि हमारे युवा डिग्री लेकर दर-दर भटकें और रोजगार न मिलने पर अराजक हों. उन्होंने कहा कि इस एक्सपो में 200 से अधिक एमओयू होने की उम्मीद है.