‘पीके’ चाहते थे नीतीश उनकी जेडीयू में एंट्री से पहले बीजेपी से पूछें, पुराने इंटरव्यू में क्या कहा था?

City Post Live - Desk

‘पीके’ खुद चाहते थे नीतीश उनकी जेडीयू में एंट्री से पहले बीजेपी से पूछें, पुराने इंटरव्यू में क्या कहा था?

सिटी पोस्ट लाइवः प्रशंात किशोर और पवन वर्मा का एपिसोड खत्म हो गया है। जेडीयू से उनकी छुट्टी हो गयी है। लेकिन एक रहस्य से पर्दा अब भी नहीं उठ सका है। सीएम और जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार ने कहा कि अमित शाह के कहने पर उन्होंने प्रशांत किशोर को जेडीयू में एंट्री दी थी? नीतीश के इस बयान के जवाब में प्रशांत किशोर ने उन्हें झूठा और उनके बयान को ओछी हरकरत तक कह दिया। नीतीश के बयान को झूठ बताने के लिए प्रशांत किशोर ने यह तर्क दिया कि क्या कोई यह यकीन करेगा कि अगर आपने अमित शाह के कहने पर मुझे पार्टी में ज्वाइन कराया तो आपमे इतनी हिम्मत है कि अमित शाह द्वारा भेजे गये किसी व्यक्ति की बात मानने से आप मना कर दें।

सवाल है कि क्या वाकई नीतीश ने अमित शाह के कहने पर हीं प्रशांत किशोर को जेडीयू ज्वाईन कराया था।? कुछ पुराने बयान हैं जो इस रहस्य को थोड़ा सुलझाते हैं। नीतीश कुमार ने यह पहली बार नहीं कहा कि अमित शाह के कहने पर उन्होंने पीके को जेडीयू ज्वाइन कराया बल्कि एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कुछ महीने पहले भी नीतीश ने कहा था कि प्रशांत किशोर को जेडीयू में लाने के लिए अमित शाह उनको फोन कर रहे थे। तब यह कयास लगे थे कि नीतीश कुमार के बयान पर प्रशांत किशोर बेहद नाराज हैं। फरवरी 2019 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा था कि वे भी चाहते थे कि उन्हें जेडीयू में लाने से पहले नीतीश बीजेपी को विश्वास में ले। उन्होंने कहा था कि मैंने नीतीश जी से यह कहा था कि आप सहयोगियों से पूछ लीजिए उन्हें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। तब प्रशांत किशोर ने यह भी कहा था कि मुझे नहीं लगता नीतीश कुमार अमित शाह के कहने पर अपनी पार्टी मंें कोई फैसला लेते होंगे।

तो कुल मिलाकर बात यह है कि नीतीश कुमार द्वारा यह कहे जाने पर कि अमित शाह के कहने पर वे जेडीयू में आए हैं प्रशांत किशोर को पहले भी आपत्ति थी लेकिन पुराने बयानों के हिसाब से पीके चाहते थे कि नीतीश बीजेपी को विश्वास में लेकर उनकी एंट्री जेडीयू में करायें। खैर अब तो पीके और नीतीश का रिश्ता खत्म हो चुका है। प्रशोर की जेडीयू में एंट्री किसके कहने से हुई इस सवाल से ज्यादा अहम सवाल यह हो गया है कि प्रशांत किशोर की 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में क्या भूमिका होगी, क्या वे नीतीश से बदला लेने के लिए महागठबंधन की मदद करने वाले हैं? प्रशांत किशोर ने कहा है कि वे दिल्ली चुनाव के खत्म होने के बाद खुलकर बोलेंगे उम्मीद है जब वो बोलेंगे तो इन सवालों के जवाब भी मिल जाएंगे।

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