RLSP के ‘मानव कतार’ से CONG और RJD ने किया किनारा, माजरा समझिये

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RLSP के ‘मानव कतार’ से CONG और RJD ने किया किनारा, माजरा समझिये

सिटी पोस्ट लाइव : “थोड़ी देर में तेजस्वी यादव मानव कतार में शामिल होने पहुचेगें” ये दावा था रालोसपा के प्रधान राष्ट्रिय महासचिव माधव आनंद का.लेकिन समय गुजरता गया, तेजस्वी यादव नहीं आये. रालोसपा ने कांग्रेस को भी नयौता दिया था लेकिन कांग्रेस के नेता भी नहीं. मांझी का इंतज़ार भी हुआ लेकिन वो भी नहीं आये. केवल मुकेश सहनी अपने कुछ समर्थकों के साथ मानव कतार में शामिल होने पहुंचे. मानव कतार का आयोजन हुआ था नीतीश सरकार की घेराबंदी के लिए लेकिन उजागर हो गया महागठबंधन के अंदर चल रहा घमाशान.

19 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आह्वान पर आयोजित जल जीवन हरियाली (Jal Jeevan Hariyali) को लेकर मानव श्रृंखला के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा  (Upendra Kushwaha) के आह्वान पर भी मानव कतार बनायी गई. 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) की जयंती के मौके पर् मानव कतार लगाकर कुशवाहा यह साबित करना कहते है कि बिहार सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है. लेकिन कुशवाहा के कॉल पर किए गए इस आयोजन से आरजेडी और कांग्रेस ने दुरी बना ली.

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के तरफ से आयोजित मानव कतार में महागठबंधन के तमाम दलों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन इसमें सिर्फ वीआईपी के मुकेश साहनी ही पहुंचे.रालोसपा के मानव कतार में 3 से 5 साल की उम्र के बच्चे टोपी लगाकर मानव कतार में खड़े दिखे. रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद ने कहा कि यह बच्चों की ललक है और शिक्षा को लेकर वे जागरूक हैं. लेकिन माधव आनंद यह नहीं बता पाए की नीतीश कुमार की मानव श्रृंखला बनी थी तो वैसे ही छोटे बच्चों के मानव श्रृंखला में शामिल होने पर विपक्ष द्वारा  सवाल क्यों  उठाए गए थे.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हे बिहार सरकार से कोई उम्मीद नहीं है इसलिए मानव कतार के जरिए नीतीश सरकार से कोई मांग नहीं की जाएगी. हम उपेंद्र कुशवाहा ने मानव कतार के लिए जो थीम रखी है वह तीन है हमें चाहिए शिक्षा और रोजगार इसके लिए है मानव कतार. उन्होने फिर एक बार यह बात दोहरायी कि बिहार विधान सभा चुनाव 2020 शिक्षा में सुधार के मुद्दे पर होना चाहिए.उन्होने कहा कि बिहार में बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ी है.सरकारी आंकड़ा है 2011-12 में 3.5 फीसदी बेरोजगारी की दर थी, 2017-18 में 7.2 और 2019 में 13.7 फीसदी बेरोजगारी की दर हैं.उन्होने कहा कि पढ़े लिखे लोग में प्राइमरी लेवल तक जिन्होने शिक्षा ग्रहण की है उनमें 2.5 फीसदी बेरोजगार है. मिडिल स्कूल सेकेन्ड्री और हायर सेकेन्ड्री स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले 8.4 फीसदी लोग बेरोजगार हैं. इसके अलावe डिप्लोमा करने वाले 9.1 फीसदी ग्रेजुएट और उससे ज्यादा पढ़ाई करने वाले 25.7 फीसदी लोग बेरोजगार हैं.

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