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क्या प्रदेश अध्यक्ष की बात मानकर ‘पीके’ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे नीतीश’

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क्या प्रदेश अध्यक्ष की बात मानकर ‘पीके’ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे नीतीश’

सिटी पोस्ट लाइवः कल जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह वशिष्ठ नारायण सिंह ने संकेत दिये कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पूर्व सांसद पवन वर्मा के खिलाफ कार्रवाई चाहती है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि वे सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से मिलकर दोनों के खिलाफ कारवाई की मांग करेंगे। साथ हीं वशिष्ठ नारायण सिंह नें प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के बयानों को दुर्भाग्यपूण बताया। सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार वशिष्ठ नारायण सिंह की बात मानेंगे और प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

पवन वर्मा का क्या होगा यह कहना तो अब भी थोड़ा मुश्किल है शायद उनके खिलाफ कार्रवाई हो भी जाए या वे खुद पार्टी छोड़ दें जैसा की संकेत भी उन्होंने दिया है लेकिन प्रशांत किशोर के खिलाफ नीतीश कार्रवाई करेंगे ऐसा होना थोड़ा मुश्किल लगता है क्योंकि सीएम या तो प्रशांत किशोर या तो पीके की गुस्ताखी को माफ करते रहे हैं या फिर उसे गुस्ताखी समझते नहीं नहीं रहे हैं। थोड़ा पीछे जाएं तो समझना आसान हो जाता है कि क्यों पीके के खिलाफ कार्रवाई मुश्किल लगती है। प्रशांत किशोर ने जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका स्वीकारी थी तब भी काफी हो हल्ला हुआ था और माना जा रहा था कि नीतीश प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। लेकिन उल्टे नीतीश ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि प्रशांत किशोर की कंपनी दूसरे राजनीतिक दलों के लिए काम करती है इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं जबकि तब डाॅ0 सीपी ठाकुर जैसे बीजेपी नेता ने इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया था।

प्रशांत किशोर सीएए के खिलाफ जब खुलकर खड़े हुए और कई बार अपनी हीं पार्टी को कटघरे में खड़ा किया तो तब भी लगा कि अब नीतीश उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे लेकिन प्रशांत किशोर नीतीश से मुलाकात के लिए पहुंचते हैं और अपने इस्तीफे की पेशकश कर देते हैं नीतीश उनकी पेशकश ठुकराते हैं। नीतीश से मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर सीएए और एनआरसी को लेकर और मुखर हो जाते हैं। इस मुलाकात के तुंरत बाद नीतीश भी खुलकर कह देते हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।

जाहिर है इससे यह संकेत तो मिलते हीं हैं कि नीतीश प्रशांत किशोर को साथ रखना चाहते हैं कहा तो यह भी जा रहा है कि नीतीश 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुटे हैं। इस तैयारी के लिए प्रशांत किशोर जरूरी हैं। पीके भी खुलकर कह चुके हैं कि नीतीश कुमार से उनका रिश्ता सिर्फ राजनीतिक नहीं है।

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