रामगढ़ जिले में पत्थरों की अवैध माइनिंग का काम वर्षों से चल रहा
रामगढ़ जिले में पत्थरों की अवैध माइनिंग का काम वर्षों से चल रहा
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: जिले में पत्थरों की अवैध माइनिंग का काम वर्षों से चल रहा है लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बावजूद जिला खनन कार्यालय इस बात का पता नहीं लगा पाया है कि इस अवैध कारोबार में कौन लोग शामिल हैं। यहां तक कि जिला प्रशासन दर्जनों बार जंगली क्षेत्रों में अवैध तरीके से चल रहे अवैध क्रशर ध्वस्त कर चुका है। अवैध कारोबार बंद करने के लिए थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी लेकिन किसी भी स्तर पर अवैध कारोबारियों का पता नहीं लग पाया है। 14 जनवरी को भी रामगढ़ जिले में 27 अवैध क्रशर को प्रशासन ने ध्वस्त किया। इनमें 23 क्रशर अकेले रामगढ़ थाना क्षेत्र के बनखेता में चल रहे थे। इसके अलावा रजरप्पा थाना क्षेत्र के दुलमी प्रखंड अंतर्गत ईचातू गांव में चार अवैध क्रशर को प्रशासन ने ध्वस्त किया। इसबार भी जिला खनन पदाधिकारी ने सिर्फ कोरम पूरा किया।
डीसी ने लिया संज्ञान तब सक्रिय हुए अधिकारी
रामगढ़ डीसी संदीप सिंह ने जब इस अवैध कारोबार को अपने संज्ञान में लिया, तब जिला स्तरीय माइनिंग टास्क फोर्स में शामिल अधिकारी सक्रिय हुए। 14 जनवरी को अनुमंडल पदाधिकारी अनंत कुमार के नेतृत्व में जिला स्तरीय माइनिंग टास्क फोर्स द्वारा स्टोन क्रशर के खिलाफ अभियान चलाया गया।
खनन विभाग ने नहीं जारी की सूचना
जिले में अवैध तरीके से चल रहे स्टोन क्रशर को लेकर खनन विभाग ने अभी भी कोई सूचना जारी नहीं की है। 14 जनवरी को चलाए गए अभियान के बाद माइनिंग ऑफिसर अमरेंद्र कुमार सिंह ने गोपनीय तरीके से रामगढ़ थाने को आवेदन भेज दिया। जिसमें किसी भी अवैध कारोबारी का नाम नहीं था। जबकि डीसी ने अवैध कारोबारियों को चिन्हित करने का भी निर्देश दिया था। खनन विभाग ने डीसी के इस निर्देश का पालन नहीं किया और अपना पल्ला झाड़ते हुए पुलिस की तरफ गेंद डाल दी।
लगभग हर साल ध्वस्त किए जाते हैं क्रशर
रामगढ़ जिले का बनखेता वन क्षेत्र अवैध क्रशर का गढ़ है। यह क्षेत्र पूरी तरीके से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसका रास्ता भी चुट्टुपालु घाटी से होकर जाता है। इस इलाके में प्रत्येक वर्ष प्रशासन अभियान चलाता है। यहां अवैध क्रशर को तोड़े जाते हैं लेकिन फिर मामला शांत होते ही इन क्षेत्रों में कई क्रशर लग जाते हैं। फिर पूरे साल खनन विभाग इस ओर झांकने भी नहीं जाता है।