अपनी पहचान के तौर पर तीर-धनुष साथ रखें झारखंडी: शिबू सोरेन

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अपनी पहचान के तौर पर तीर-धनुष साथ रखें झारखंडी: शिबू सोरेन

सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने झारखंडवासियों को अपनी पहचान को बरकार रखने तथा सुरक्षा के मद्धेनजर तीर-धनुष को प्रतीक चिन्ह के रूप में अपने साथ रखने की सलाह दी है। सोरेन आज यहां झामुमो के संतालपरगना प्रमंडल कमेटी की आयोजित बैठक मे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुएं हर साल दुमका में दो फरवरी और धनबाद में चार फरवरी को आयोजित झारखंड दिवस को सफल बनाने का आह्वान किया और भावुक अंदाज में कहा कि हम रहे या न रहे हाल साल आयोजित झारखंड दिवस पर रैली आयोजित करने का सिलसिला जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो या चार फरवरी को दुमका सहित विभिन्न स्थानों पर झारखंड दिवस के मौके पर देर रात तक चलनेवाली रैली और जनसभा में इस क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाके से लोग स्वयं  आते रहे हैं। इस बार झारखंड दिवस पर आयोजित रैली और जनसभा को ऐतिहासिक बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इस रैली में इतने लोग दुमका आयें जिससे यहां जगह कम पड़ जाये।  इसी क्रम मंे सोरेन ने कहा कि  सिख समुदाय के लोग जिस तरह प्रतीक चिन्ह के रूप में पगड़ी पहनते है और अपने साथ किरपान रखते हैं। उसी तरह झारखंड के लोगों को भी अपनी संस्कृति के अनुरूप अपने प्रतीक चिन्ह के रूप में अपने साथ हर समय तीर-धनुष रखना चाहिए। इससे वे अपनी संस्कृति को बचाये रखने के साथ समय आने पर दुश्मनों का मुकाबला करने में भी सक्षम होंगे।

उन्होंने कहा कि तीर-धुनष यहां की पहचान है और इसका बजन भी अधिक नहीं हैै। इसलिए इसे अपने साथ रखने में किसी को कोई परेशानी भी नहीं होगी। उन्होंने भाजपा या अन्य किसी दलों का नाम लिये बगैर उदाहरण देते हुए कहा कि जंगल मंे जंगली जानवरों या किसी भी तरह के दुश्मनों के समक्ष नमस्ते बोलने से हम अपने जान की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं। उस समय यदि मेर पास तीर-धनुष रहेगा तो उससे हम अपनी सुरक्षा भी करते सकते हैं।  सोरेन ने झारखंड आंदोलन की बजह से इस इलाके से  पुलिस जुल्म और महाजनी प्रथा का लगभग अंत हो चुका है। अब आदिवासी समाज के लोगों को महाजनों के पास सूद पर सहायता लेने नहीं जाना पड़ता हैं और न ही महाजन किसी आदिवासी पर जुल्म करने की हिम्मत कर सकता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से नयी पीढी के लोगों को  अपनी संस्कृति और पार्टी की नीतियों के प्रति जागरूक करने की अपील की।

झामुमो के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री प्रो.स्टीफन मरांडी ने बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओ ंको संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी सुप्रीमों शिबू सोरेन के नेतृत्व में लम्बे संघर्ष के बाद झारखंड अलग राज्य निर्माण का सपना साकार हुआ है। राज्य निर्माण के दो दशक बाद राज्य की जनता ने प्रचंड जनादेश दिया है और झामुमो के नेतृत्व राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है। पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासित सिपाही के रूप मंे आम जनता के हित में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्मरण कराते हुए कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार केे तानाशाही और अहंकारी कार्यशैलीे की बजह से राज्य की जनता ने खारिज कर दिया। कार्यकर्ताओं से जोश में होश नहीं खोने के साथ राज्यवासियों के हितों की रक्षा करने तथा झारखंड अलग राज्य के सपनों को साकार करने के लिए सदैव तत्परता पूर्वक कार्य करने का आह्वान किया।

झामुमो के केन्द्रीय कमेटी के महासचिव विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित प्रमंडलीय बैठक में राजमहल के सांसद विजय हांसदा, पार्टी उपाध्यक्ष विधायक हाजी हुसैन अंसारी, विधायक नलिन सोरेन,लोबिन हेम्ब्रम,पूर्व मंत्री साईमन मरांडी सहित कई प्रमुख नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किये और झामुमो के  बैनर तले आगामी दो फरवरी को दुमका में झारखंड दिवस पर आयोजित रैली और जनसभा को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं से अपने अपने क्षेत्र में व्यापक जनसम्पर्क अभियान चलाने का आह्वान किया। बैठक में झामुमो नेता विधायक दिनेश विलियम मरांडी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता,झारखंड छात्र-युवा मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष बसंत सोरेन के साथ संतालपरगना प्रमंडल क्षेत्र के केन्द्रीय समिति के सदस्य और पार्टी के सभी जिले के अध्यक्ष और प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए।

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