क्या आतंकियों-अंडरवर्ल्ड का सबसे सुरक्षित ठिकाना बन गया है नेपाल और बिहार?

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क्या आतंकियों-अंडरवर्ल्ड का सबसे सुरक्षित ठिकाना बन गया है नेपाल और बिहार?

सिटी पोस्ट लाइव : पटना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. पटना पुलिस के इनपुट्स पर मोस्ट वांटेड इंटरनेशनल माफिया डॉन दाउद इब्राहीम का दाहिना हाथ माने जानेवाला एजाज लकड़वाला (Ijaj Lakadwala)  पटना एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुआ है. लेकिन इस गिरफ्तारी के साथ ही एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार मोस्ट वांटेड अपराधियों और आतंकवादियों (Most Wanted Criminals and Terrirists) के लिए सेफ जोन बन गया है. दरअसल वर्ष 2000 के बाद से ही कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब आतंकवादियों और बड़े अपराधियों का कनेक्शन बिहार से निकला है.

वर्ष 2000 में सीतामढ़ी जिले से पहली बार दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था. आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य मकबूल और जहीर की गिरफ्तारी के बाद से अब तक कई आतंकवादियों को बिहार से गिरफ्तार किया गया है. वर्ष 2006 से आतंकी बिहार में दोबारा सक्रिय हुए और धीरे-धीरे सीमांचल और मिथिलांचल से लगातार आतंकियों के तार जुड़ते रहे और कई गिरफ्तारियां हुईं.

20 जुलाई, 2006- मुंबई एटीएस ने मधुबनी के बासोपट्टी बाजार से मो. कमाल को मुंबई लोकल ट्रेन धमाके में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था. 2 जनवरी, 2008- रामपुर (यूपी) सीआरपीएफ कैंप में हुए विस्फोट मामले में मधुबनी के सकरी के गंधवारी गांव से सबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया था. वर्ष 2009-10-  दिल्ली ब्लास्ट मामले में मधुबनी के बासोपट्टी के बलकटवा से मदनी की गिरफ्तारी हुई थी.

26 नवम्बर, 2011- दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक व सकरी के दरबार टोला से अफजल व गुल अहमद जमाली को पकड़ा था. 19 नवम्बर, 2011- दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी. 12 जनवरी, 2012- दरभंगा के जाले थाना के देवड़ा बंधौली गांव निवासी नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था. दोनों की निशानदेही पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल मिली थी.

21 फरवरी 2012- एटीएस ने शिवधारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को पकड़ा था. उसे आइएम का मेंटर बताया गया. 06 जनवरी, 2012- केवटी थाने के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था.  बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट में उसकी संलिप्तता सामने आई थी. 13 मई, 2012- सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा था.

गौरतलब है कि आइएम चीफ रियाज भटकल और इकबाल भटकल से जुड़ा फसीह 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था. जहां से आइएम को पैसे मुहैया कराता रहा. दाऊद इब्राहिम का सहयोगी फजलुर्रहमान भी जाले थाने के देवड़ा बंधौली गांव का है. अभी वह तिहाड़ जेल में बंद है. 21 जनवरी 2013- लहेरियासराय थाने के चकजोहरा मोहल्ला से मो. दानिश अंसारी को कथित आतंकी हमले की साजिश में गिरफ्तार किया गया था. दोनों आइएम सरगना यासीन भटकल के गुर्गे थे. अगस्त, 2013-  इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को पूर्वी चंपारण से लगे नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया.

अगस्त, 2019- गया से कोलकाता एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के एक सदस्य को गिरफ्तार किया. वह पश्चिम बंगाल के वर्दमान विस्फोट का आरोपी था. सुरक्षा जानकारों की मानें तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ देश को अस्थिर करने में जुटा है. उससे जुड़े संगठन मुस्लिम समाज के युवाओं को दिग्भ्रमित कर गलत रास्ते पर ले जा रहा है. खुफिया सूत्रों के अनुसार आतंकवादी-अपराधी अपना हित साधने के लिए मुस्लिमों की घनी आबादी वाले इलाकों को ही चुनते हैं जो कि मिथिलांचल और सीमांचल के इलाके में सहजता से उपलब्ध है और वहां से नेपाल भाग जाना भी आसान है.

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