जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय से मुख्यमंत्री रघुवर दास 2602 वोटों से पीछे
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भाजपा को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। जमशेदपुर पूर्वी से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार व निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास पिछड़ गए हैं। टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा के बागी व निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय मुख्यमंत्री रघुवर दास से आगे चल रहे हैं। मतगणना के ताज़ा रूझानों के मुताबिक मुख्यमंत्री रघुवर दास 2602 वोटों से पीछे हो गये हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी सबसे हॉट सीट है। इस सीट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनकी ही कैबिनेट के पूर्व मंत्री और भाजपा के बागी सरयू कड़ी चुनौती देते दिख रहे हैं। सभी की निगाहें अब इस सीट पर लगी हुई है। यहां मुकाबला किसी भी ओर जा सकता है। सरयू राय ने कहा कि गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल रहा है। उसे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। चुनाव आयोग के मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 42 सीटों पर बढ़त हासिल है। वहीं, भाजपा को 29 सीटों पर बढ़त हासिल है।
2014 में करीब 70 हजार वोट से जीते थे रघुवर दास
जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी वे जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा के उम्मीदवार हैं। रघुवर दास का मुकाबला उनके ही कैबिनेट के पूर्व मंत्री व निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ से हैं। 2014 में रघुवर दास ने जमशेदपुर पूर्व सीट से कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे को लगभग 70 हजार वोटों से विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके पहले रघुवर दास ने सबसे पहले 1995 में जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ा था। रघुवर दास साल 1995, 2000, 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं।
रघुवर से पहले ये पूर्व मुख्यमंत्री हार चुके हैं चुनाव
15 नवंबर 2000 में झारखंड बिहार से अलग हुआ था। 19 साल के झारखंड ने रघुवर दास समेत अबतक छह मुख्यमंत्री देखा है। रघुवर से पहले बाबूलाल मरांडीए अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बाबूलाल मरांडी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में राजधनवार और गिरिडीह से चुनाव लड़ा था और दोनों ही सीट से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद अर्जुन मुंडा भी 2014 के विधानसभा चुनाव में खरसांवा से चुनाव हार गए थे। 2014 के ही चुनाव में हेमंत सोरेन ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें दुमका सीट से हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में ही पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को मझगांव सीट से हार का सामना करना पड़ा था। मुख्यमंत्रियों के हार का सिलसिला शुरू होने में सबसे पहला नाम शिबू सोरेन का नाम है। 27 अगस्त 2008 को मधु कोड़ा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। उस वक्त वे दुमका से सांसद थे। 6 महीने में उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना था। मुख्यमंत्री रहते हुए शिबू सोरेन ने तमाड़ सीट से उप चुनाव में उतरे और उन्हें झारखंड पार्टी के राजा पीटर ने हरा दिया था।