भाजपा के अधिकांश नेता देश के प्रति गंभीर नहीं हैं और ना ही संवेदनशील: सुबोधकांत
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि जनता जानती है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश नेता – कार्यकर्ता देश के प्रति गंभीर नहीं हैं और ना ही संवेदनशील। उन्होंने कहा कि आज राजधानी के एक प्रमुख समाचार पत्र में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता, प्रत्याशी और वर्तमान में राज्य सरकार में मंत्री के संदर्भ में प्रकाशित वह समाचार चौकाने वाला है जहाँ चुनाव के बाद वे और उनके कार्यकर्ता चिकन – मटन खाने की बातें कर रहे हैं। यही तो इन लोगों का चरित्र है कि खाओ, पीओ, लूटो और मौज करो। जनसमस्या का समाधान करने के प्रति उनमे थोड़ी-सी भी संवेदनशीलता नहीं है। झारखण्ड चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सहाय ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरा देश, नागरिक संसोधन विधेयक (सी.ए.बी.), महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते जघन्य अपराधो के मामले में चिंतन – मनन कर रहा है वहीं भाजपा के ये नेता खुद ही चीख – चीखकर अपना परिचय दे रहे हैं कि वे किस मिट्टी के बने हैं और जनसमस्याओं के प्रति कितने गंभीर हैं। सहाय ने यह भी कहा कि 2019 के झारखण्ड विधानसभा चुनाव की यह सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि, पार्टी विथ डिफरेंस का दावा करनेवाली भाजपा के नेताओं का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ रहा है। सहाय ने कहा कि होना तो यह चाहिए कि चुनाव ख़त्म होते ही सभी नेता जनकल्याण की अपनी आगामी योजनाओं पर अपने कार्यकर्ताओं – मतदाताओं से विस्तृत चर्चा करते। अपने दृढ़ इरादों के साथ और जनसंकल्प के साथ अखबारों के पन्नों और मीडिया में आते। लेकिन, यह तो केवल खाओ, पीओ, लूटो, मौज करो की मानसिकता वाली पार्टी बन गयी है जबकि अभी दो चरणों का चुनाव बाकी है। सहाय ने कहा कि अब वे इस बात को समझ रहे हैं कि आखिर आज झारखण्ड की ऐसी स्थिति क्यों है? इस राज्य को बने 19 साल हो गये जिसमें लम्बे समय तक भाजपा का ही शासन रहा और वह विकास का रोडमैप तक तैयार नहीं कर सकी। ऐसे में तरक्की की उम्मीद भी कैसे की जा सकती है जबकि साथ बने छत्तीसगढ़ और उत्तराखण्ड आज बहुत आगे निकल गये हैं। सुबोधकांत सहाय ने कहा कि मतदाताओं के रुझान से साफ है कि जनता रघुवर सरकार से तंग आ चुकी है और वह इसे बदलकर कांग्रेस – झामुमो गठबंधन की सरकार बनाने को तैयार है।सहाय ने कहा कि आज जिन 15 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार समाप्त हुआ है वहाँ कांग्रेस – झामुमो गठबंधन का पलड़ा भारी है।
सुनिश्चित हार से घबरा गयी है भाजपा : सुबोधकांत
रांची।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पूरी केन्द्र सरकार के धुआँधार तूफानी दौरे से यह साफ जाहिर है कि भाजपा ने झारखण्ड चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हार सुनिश्चित जानकर यह सारा कुछ भाजपा की घबराहट दिखाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि झारखण्ड में अपने खोते हुए जनाधार, रघुवर सरकार के नक्कारापन, पूरे राज्य के ठप्प विकास कार्य और भाजपा की अंदरुनी कलह के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को यह बात अच्छी तरह समझ में आ गयी है कि उनका झूठ अबकी बार झारखण्ड चुनाव में चलनेवाला नहीं है। झारखण्ड चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सहाय ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यदि पूर्व के अनुभवों पर ध्यान दें तो हरियाणा और महाराष्ट्र में भी भाजपा ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी थी और अनेक केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों तथा भाजपा के बड़े नेताओं ने जमकर प्रचार किया लेकिन उन्हें अपेक्षित परिणाम नहीं मिला. महाराष्ट्र में शिवसेना – एन.सी.पी. – कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी जबकि हरियाणा में जोड़ -तोड़ की राजनीति कर भाजपा ने सत्ता हथिया लिया। सहाय ने कहा कि झारखण्ड के लोग सारी हक़ीक़त जानते हैं. झारखण्ड का मतदाता सभी कुछ देख रहा है और वह मन बना चुका है कि वह रघुवर सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंके और कांग्रेस – झामुमो गठबंधन की सरकार को सत्ता में लाये ताकि जमीनी स्तर पर वास्तविक विकास हो। उन्होंने कहा कि अबतक के तीन चरणों में जनता ने कांग्रेस – झामुमो गठबंधन के पक्ष में अपना भरोसा जताते हुए भारी मतदान किया है। साथ ही अगले 16 और 20 दिसंबर को भी कांग्रेस – झामुमो गठबंधन के उम्मीदवारों की यह बढ़त बरकरार रहेगी। सहाय ने कहा कि उन्होंने अनेक क्षेत्रों का दौरा किया है जहाँ आम लोगों का मजबूत भरोसा गठबंधन के साथ है और हम इस भरोसे की कसौटी पर खरा उतरेंगे। सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कांग्रेस उस फीनिक्स पक्षी की तरह है जो अपना बलिदान कर और भारी कीमत चुकाकर पुनर्जीवित होती है। रघुवर सरकार की व्यापक असफलता और आम लोगों में भारी असंतोष के बाद अब यह स्पष्ट है कि कांग्रेस – झामुमो गठबंधन निश्चित रूप से सत्ता में आयेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जनहित और देशभक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो गरीबों, किसानों और आमलोगों के आत्मसम्मान को बरकरार रखने के प्रति दृढ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाली झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और अन्य दल भी जनहित के प्रति संवेदनशील और संकल्पित हैं।