मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया है नागरिकता संशोधन विधेयक : जेपी नड्डा
सिटी पोस्ट लाइव : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने विपक्ष को राजनीतिक हितों के बजाय राष्ट्र के हित साधने की नसीहत दी है. उन्होंने दावा किया कि इससे पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक पहचान को कोई खतरा नहीं पहुंचेगा. राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए नड्डा ने कहा कि यह विधेयक बेहद परेशानियों में जीवन जी रहे लाखों लोगों को सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने का अधिकार देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया है
नड्डा ने बताया कि 18 दिसंबर 2003 को मनमोहन सिंह ने संसद में आडवानी जी से कहा था, ”मैं शर्णार्थियों से हो रहे बर्ताव के बारे में कुछ कहना चाहता हूं, देश के बंटवार के बाद बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों को आघात का सामना करना पड़ रहा है और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अगर हालात की वजह से लोगों को अपना देश छोड़ भारत में शरणार्थी बनना पड़ता है, तो ऐसे अभाग्य लोगों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया ज्यादा उदार होनी चाहिए. मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय उप प्रधानमंत्री इसे ध्यान में रखेंगे और भविष्य़ में नागरिकता एक्ट को लेकर कदम उठाएंगे.
नड्डा ने कहा कि यह सच्चाई भले ही जितनी कड़वी हो पर सच बात यही है कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ है. उन्होंने कहा कि विभाजन के समय जितना नरसंहार हुआ और जितनी बड़ी संख्या में लोग अपना घर छोड़कर एक तरफ से दूसरी तरफ गये, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि विभाजन के समय भारत में अल्पसंख्यक मुसलमान, सिख, जैन, पारसी, ईसाई अल्पसंख्यक थे. पाकिस्तान में हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, ईसाई अल्पसंख्यक थे. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए नेहरू-लियाकत अली समझौता हुआ था. किंतु समझौते का पालन पाकिस्तान में नहीं किया गया.