जिन्ना के जख्मों पर पीएम मोदी ने लगाया मरहम: सुशील मोदी.
सिटी पोस्ट लाइव : विपक्ष के हंगामे के बीच सोमवार की देर शाम लोक सभा में नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. बिल पर पक्ष विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया लगातार सामने आ रही है.बिल के समर्थन और विरोध की सियासत के बीच बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने इस विधेयक का विरोध करने वालों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
सुशील कुमार मोदी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपनी भावना का इजहार करते हुए लिखा, गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर धर्म के आधार पर देश का बँटवारा स्वीकार करने के उस ऐतिहासिक अपराध के परिमार्जन की शुरुआत कर दी जिसके कारण पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में हिंदू, ईसाई, पारसी अल्पसंख्यकों को लंबे समय तक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा. सरकार जब विभाजन-पीडि़त गैरमुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों को न्याय देना चाहती है, तब कांग्रेस और आरजेडी केवल वोट बैंक के लिए बिल का विरोध कर रही है.
सुशील मोदी ने अपने ट्विट में आगे लिखा-‘ अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर धर्म के आधार पर देश का बँटवारा स्वीकार करने के उस ऐतिहासिक अपराध के परिमार्जन की शुरुआत कर दी, जिसके कारण पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में हिंदू, ईसाई, पारसी अल्पसंख्यकों को लंबे समय तक उत्पीड़न का शिकार होना’.
डिप्टी सीएम ने कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के सवालों का जवाब देते हुए लिखा, शशि थरूर का यह मानना सरासर गलत है कि नागरिकता बिल पास होने से जिन्ना के सिद्धांत की जीत होगी.सच तो यह है कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बंटवारा स्वीकार कर न केवल जिन्ना को वाकओवर दे दिया था, बल्कि शेष भारत पर अपने लंबे शासन के दौरान धर्म के आधार पर भयानक भेदभाव जारी रखा. बिल का विरोध करने के बजाय कांग्रेस को भारत विभाजन के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. नागरिकता बिल जिन्ना के दिये गहरे जख्मों पर मोदी सरकार का मरहम है.
शशि थरूर का यह मानना सरासर गलत है कि नागरिकता बिल पास होने से जिन्ना के सिद्धांत की जीत होगी.सच तो यह है कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बंटवारा स्वीकार कर न केवल जिन्ना को वाकओवर दे दिया था, बल्कि शेष भारत पर अपने लंबे शासन के दौरान धर्म के आधार पर भयानक भेदभाव जारी रखा.
गौरतलब है कि शशि थरूर ने कहा था कि अगर संसद में विवादित नागरिकता संशोधन बिल पास होता है तो ये महात्मा गांधी के विचारों पर जिन्ना के विचारों की जीत होगी. धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता प्रदान करना भारत को पाकिस्तान के हिंदुत्व संस्करण में तब्दील कर देगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार एक समुदाय को निशाना बनाना चाह रही है और इस समुदाय को शरण देने से इनकार कर रही है, जो अन्य समुदायों की तरह ही प्रताड़ना झेल रहे हैं.उन्होंने ये भी कहा कि अगर ये बिल दोनों सदनों में पास हो जाता है, इसके बावजूद उन्हें भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट की कोई भी पीठ संविधान के बुनियादी मूल्यों का उल्लंघन करने वाले ऐसे क़ानून को इजाज़त नहीं देगी.