दूसरे चरण के चुनाव में नक्सलियों से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
दूसरे चरण के चुनाव में नक्सलियों से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस चरण की वैसी सीटों पर ख़ास सतर्कता बरती जा रही है जो नक्सल प्रभावित हैं। दूसरे चरण के चुनाव के लिए 7 दिसंबर को सात जिलों की 20 विधानसभा सीट के लिये वोट डाले जाएंगे। इनमें बहरागोड़ा, घाटशिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी), जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबीरा (एसटी) सीटें शामिल हैं। दूसरे चरण के चुनाव में नक्सलियों से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी। दूसरे चरण के चुनाव में 7 जिलों की 20 सीटों पर वोटिंग होनी है। इनमें से छह अति संवेदनशील और एक संवेदनशील जिला है। 20 विधानसभा सीटों में से 13 विधानसभा सीटें अति नक्सल प्रभावित श्रेणी में आते हैं। इनमें जमशेदपुर का घाटशिला विधानसभा सीट और अति संवेदनशील जिलों में रांची का तमाड़, सरायकेला का सरायकेला और खरसावां, चाईबासा का चाईबासा, मझगांव, जगरनाथपुर, मनोहरपुर व चक्रधरपुर, सिमडेगा जिले का सिमडेगा और कोलेबिरा और खूंटी जिले में खूंटी और तोरपा विधानसभा सीट अति नक्सल प्रभावित है। छह अति संवेदनशील जिले में सरायकेला, चाईबासा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी और रांची जिले की 12 विधानसभा सीटें और एक संवेदनशील जमशेदपुर जिला के एक विधानसभा सीट पर दूसरे चरण के चुनाव में सुरक्षाबलों के सामने नक्सलियों से निपटने की चुनौती होगी। अति संवेदनशील जिलों में पिछले 10 माह के दौरान 77 छोटी-बड़ी नक्सली घटनाएं सामने आयी हैं। इनमें रांची 18, सरायकेला 7, चाईबासा 16, गुमला 10, खूंटी 25 और सिमडेगा में एक नक्सली वारदात शामिल है।
कौन-सा दस्ता किस जिले में सक्रिय
सूत्रों के अनुसार चाईबासा में प्रशांत भूषण और दलमा क्षेत्र में रामनाथ माडी उर्फ सचिन, जीवन कंडुलना और जमशेदपुर जिले के घाटशिला पटमट में असीम मंडल उर्फ आकाश दस्ता, सरायकेला- खरसावां जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में अनल पति राम, महाराज प्रमाणिक तथा रांची जिले के तमाड़ क्षेत्र में महाराजा प्रमाणिक और वोयदा पाहन का दस्ता सक्रिय है। सभी प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली हैं। सभी दस्तों का एक-दूसरे के साथ बेहतर समन्वय है। खूंटी और सिमडेगा में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई ) का दस्ता सक्रिय है।
कई घटनाओं को दे चुके हैं अंजाम
इन इलाकों में पूर्व में नक्सली कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। कोल्हान के सरायकेला जिले में दो बड़े नक्सली हमले हुए हैं। नक्सली हमले में 5 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके अलावा अक्टूबर माह में रांची के दशम फॉल में नक्सलियों की कथित फायरिंग में दो जवान शहीद हो गए थे। चुनाव करीब आते ही नक्सली इन क्षेत्रों में अपनी लगातार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पोस्टर बाजी कर नक्सलियों के द्वारा वोट बहिष्कार का ऐलान किया जा रहा है।
सुरक्षा के रहेंगे व्यापक इंतजाम
दूसरे चरण के चुनाव को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चुनाव प्रचार में वीआईपी सुरक्षा से लेकर पार्टी कार्यालय की सुरक्षा एवं नक्सल विरोधी अभियान भी शुरू कर दिया गया है। चुनाव में नक्सली खलल नहीं डालें, इसके लिए पड़ोसी राज्यों से समन्वय स्थापित कर अभियान चलाया जा रहा है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने एक हजार 844 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा है। इन मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। अति संवेदनशील क्षेत्रों में मतदान कर्मियों को सुरक्षित लिए जाने और लाने के लिए 5 हेलीकॉप्टरों का भी प्रयोग किया जाएगा। सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीमा सुरक्षा बल, सीआईएसएफ और आरपीएफ तथा जिला पुलिस बल की तैनाती की गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
नोडल ऑफिसर सह एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा ने बताया कि दूसरे चरण के चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए पुलिस की ओर से रणनीति तैयार कर ली गई है। सभी अति संवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।