पलामू प्रमंडल में होगा तय-भाजपा को पूर्ण बहुमत या महगठबंधन को बढ़त
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में पहले चरण में जिन 13 विधानसभा सीटों के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है, उनमें से नौ सीटें पलामू प्रमंडल की है। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा चुनाव में पलामू प्रमंडल की नौ सीटें सत्तारूढ़ भाजपा के पूर्ण बहुमत हासिल करने या विपक्षी कांग्रेस-झामुमो-राजद गठबंधन को बढ़त हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
पलामू की रही है ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रांची में अवस्थित राज्य की सर्वोच्च पंचायत विधानसभा से तकरीबन 190 दूर पलामू सत्रहवीं सदी में चेरो राजाओं की दिलेरी के कारण विख्यात था। भगवंत राय ने मुगलों से यह इलाका छीनकर अलग राज्य स्थापित किया था । चेरो राजाओं के किले आज भी इस प्रमंडल में मौजूद हैं ।विभिन्न प्रकार के वनों से आच्छादित पलामू प्रमंडल को राष्ट्रीय अभ्यारण्य के लिए भी राष्ट्रीय फलक पर ख़ास प्रसिद्धी हासिल है । पलामू का जिला मुख्यालय मेदनीनगर है जिसे डाल्टनगंज के नाम से भी जाना जाता है ।
डालटनगंज विस में कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधा मुकाबला
पलामू जिला मुख्यालय डालटनगंज विधानसभा सीट में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है, हालांकि यहां झाविमो मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के प्रयास में जुटा है। वर्ष 2014 के चुनाव में डालटनगंज विधानसभा सीट झाविमो के आलोक चौरिसया ने जीत हासिल की, लेकिन चुनाव के तुरंत बाद वे भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा ने इस बार आलोक चौरसिया को ही उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं पिछले चुनाव में एक हजार से भी कम मतों के अंतर से पराजित पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को कांग्रेस ने फिर से उम्मीदवार बनवाया है।
हुसैनाबाद विस सीट में त्रिकोणीय मुकाबला
पलामू प्रमंडल का हुसैनाबाद विधानसभा सीट इनमें से एक सीट है जिसपर पहले चरण में तीस नवम्बर को वोट डाले जाएंगे। 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने एनसीपी के कमलेश सिंह को पराजित किया था। एक जमाने में हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ था। यहां से कांग्रेस ने सात बार जीत दर्ज की है। वहीं पिछले तीन चुनाव पर नजर डालें तो 2005 के चुनाव में एनसीपी के कमलेश सिंह ने राजद के संजय सिंह यादव को शिकस्त दी थी। वहीं 2009 के चुनाव में राजद के संजय सिंह यादव ने इस सीट पर कब्जा करते हुए बसपा के शिवपूजन मेहता को परास्त किया। 2014 में फिर बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने एनसीपी के कमलेश सिंह को चुनावी मैदान में बड़े अंतर से हरा दिया। हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,77,074 है, जिनमें पुरुष मतदाता 1,49,673 और महिला मतदाता 1,27,401हैं।पिछले चुनाव में 67.81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में इस बार के चुनाव में भी वही पुराने चेहरे हैं। विनोद सिंह जहां भाजपा के समर्थित उम्मीदवार हैं तो कमलेश सिंह एनसीपी के और संजय कुमार सिंह यादव राजद से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हुसैनाबाद के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता बसपा से चुनाव जीते थे, लेकिन चुनाव से कुछ दिन पूर्व आजसू पार्टी में शामिल हो गए। उन्हें आजसू पार्टी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
विश्रामपुर विस सीट में कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधा मुकाबला
विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र पलामू जिले में पड़ता है। विश्रामपुर में वोटरों की कुल संख्या 308434 है जिसमें पुरुष मतदाता 166405 और महिला वोटरों की तादाद 142029 है । इस निर्वाचन क्षेत्र में पहले चरण में तीस नवम्बर को वोटिंग होगी । बिश्रामपुर विधानसभा सीट पर एक बार फिर भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी और कांग्रेस के चंद्रशेखर दूबे आमने-सामने हैं। रामचंद्र चंद्रवंशी राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। पिछले 35 साल से इस सीट से रामचंद्र चंद्रवंशी और चंद्रशेखर दूबे जीतते आए हैं। यहां से चार बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस के दिग्गज चंद्रशेखर दूबे ने नाम है। निवर्तमान विधायक व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को यहां पर तीन बार जीत मिली है। इनके बीच पिछले चुनाव में निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहनेवाली महिला प्रत्याशी अंजू सिंह झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़ रही है।
छतरपुर में आजसू,भाजपा, जदयू व राजद के बीच टक्कर
छतरपुर, पलामू जिला मुख्यालय डाल्टनगंज से तकरीबन 46 किलो मीटर दूर अवस्थित है। यह विधानसभा निर्वाचन इलाका बिहार से बिलकुल सटा हुआ है। यहाँ शिक्षा और साक्षरता का स्तर काफी ऊँचा है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार छतरपुर की साक्षरता दर तकरीबन अस्सी फीसदी थी जबकि झारखंड का औसत साक्षरता दर पैंसठ प्रतिशत के आसपास है। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र पलामू के राजहरा कोयला खदान वाले इलाके में पड़ता है। यहां पहले चरण में 30 नवंबर को चुनाव होना है। भाजपा ने वर्तमान विधायक राधाकृष्ण किशोर का टिकट काट कर पिछले चुनाव में हारने वाले मनोज कुमार की पत्नी पुष्पा देवी को भाजपा उम्मीदवार बनाया है। किशोर टिकट कटने के बाद अब आजसू पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वे अलग-अलग दलों से चुनाव लड़कर यहाँ से पांच बार जीत चुके हैं। जदयू की ओर से पूर्व मंत्री सुधा चौधरी एक बार फिर भाग्य आजमा रहीं हैं। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में 1लाख 38675 पुरुष वोटर और 124623 महिला वोटर प्रत्याशियों की किस्मत तीस नवम्बर को तय कर देंगें जिसका खुलासा तेईस दिसम्बर को मतगणना के साथ होगा। यहा इस बार करीब 5 हजार नये युवा मतदाता जुड़े हैं, जिसमें लोकतंत्र के महापर्व को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के कई इलाके नक्सल प्रभावित हैं और यहां पलायन भी एक समस्या है। सड़क, सिचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल इस चुनाव में मुद्दा नजर आ रहा है।