‘शिक्षा राजनीति का विषय नहीं आमरण अनशन में सत्ता पक्ष भी दे साथ, नीतीश को देना हैं संदेश’
सिटी पोस्ट लाइवः रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा कल से आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। उन्होंने ‘शिक्षा सुधार नहीं तो जीना बेकार’ का नारा दिया है। आमरण अनशन को लेकर सिटी पोस्ट लाइव के एडिटर इन चीफ श्रीकांत प्रत्यूष से बातचीत करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमारे सामने कोई रास्ता नहीं बचा तभी हमने आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है। ऐसी बात के लिए हम आमरण अनशन करने जा रहे हैं जहां करना कुछ नहीं है क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर करना है।
भारत सरकार ने केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने की मंजूरी दे दी। न राज्य सरकार को इसके लिए एक भी पैसा खर्च करना है और न हीं एक इंच जमीन देनी है। सिर्फ कुछ कागजी औपचारिकता पूरी करनी है। पिछले सत्र में भी बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं सकी। जल्दी कुछ नहीं किया गया तो इस बार भी बच्चों का नामांकन शुरू नहीं हो पाया। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि भारत सरकार पैसा दे रही है। सारा इंतजाम हो चुका है लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री की ओर से अड़ंगा लगाया जा रहा है इसलिए आमरण अनशन करना हमारी मजबूरी है। स्कूल खुल जाता तो नवादा और औरंगाबाद के बच्चों को लाभ होता। आमरण अनशन के माध्यम से नीतीश कुमार को संदेश देना चाहते हैं कि एक तरफ तो आपने बिहार में शिक्षा को बर्बाद किया और अगर दूसरा कोई भी कुछ करना चाहता है तो आप अड़ंगा डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा राजनीति का विषय नहीं है इसलिए सभी राजनीतिक दलों से मेरी अपेक्षा है कि वे इस आंदोलन में मेरा सहयोग करें। बुद्धिजीवी वर्ग को भी साथ देना चाहिए। तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी, मदन मोहन झा, अखिलेश सिंह, शक्ति सिंह गोहिल सभी लोगों से मेरी मुलाकात हुई है और सबलोगों ने साथ देने का वादा किया है। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जब तक मेरी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक मैं मिलर स्कूल ग्राउंड में आमरण अनशन पर बैठा रहूंगा।