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बिहार की धरती को है बुखार, इसे देना होगा पानी की पट्टी: जल पुरुष.

जल पुरुष' राजेंद्र सिंह ने की CM नीतीश की 'जल जीवन हरियाली योजना 'की तारीफ.

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बिहार की धरती को है बुखार, इसे देना होगा पानी की पट्टी: जल पुरुष.

सिटी पोस्ट लाइव : मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और ‘जल पुरुष’ के नाम से देश भर में मशहूर डॉ राजेंद्र सिंह (Dr Rajendra singh) ने बिहार सरकार के जल जीवन हरियाली योजना (Jal Jeevan Hariyali Yojna) की तारीफ की है.उन्होंने सासाराम में  कहा कि ‘जल जीवन हरियाली योजना’ एक बहुत अच्छी योजना है. इसे बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि इस योजना को जनता की योजना बनाकर धरातल पर उतारा जाए. गौरतलब है कि  गुरुवार को सासाराम के नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (Narayan Medical College and Hospital of Sasaram) में छात्रों के बीच आख्यान देने  राजेंद्र सिंह आये थे.

सासाराम के गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत नारायण मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित  कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जब जल और हरियाली होगी तभी जीवन होगा. इसलिए जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए जल और हरियाली को बनाए रखना बहुत जरूरी है.उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है. जब तक इसमें जन जन का सहयोग नहीं होगा तब तक इसके परिणाम नहीं निकलेंगे.

डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज हमारी धरती बीमार हो गई है. इसे इलाज की आवश्यकता है. आज से 40 साल पहले देश के जितने भागों में बाढ़ आती थी आज उससे 8 गुना अधिक क्षेत्रों में आज बढ़ आ रही है. आज से 40 साल पहले देश के जितने जगह पर सुखार की समस्या थी, आज उससे 10 गुना अधिक जगह पर सुखाड़ देखने को मिल रही है. यह सब ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के कारण हो रहा है. हम सबको मिलकर बीमार धरती को स्वस्थ करना है.

‘जल पुरुष’ ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण बिहार की आधी धरती बुखार से ग्रसित है. इसके बुखार को उतारने के लिए इसे पानी की पट्टी देनी होगी. हम जितना ज्यादा से ज्यादा धरती को हरी-भरी रखेंगे, आकाश का पानी उतना ही हमारी ओर आकर्षित होगा. उन्होंने कहा कि दक्षिण बिहार का इलाका पानी की समस्या से ग्रसित है. धरती का पानी धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसक रही है. हम जितनी तेजी से धरती के पानी को पाताल से खींच रहे हैं उतनी तेजी से हम इसे पानी दे नहीं पा रहे हैं.यही कारण है कि हमारी धरती बुखार से ग्रसित है.

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने की योजना की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनका सपना थ कि वे देश के नदियों को जोड़कर नदियों के पानी को समुद्र में गिराने से रोकना था. उन्होंने इसे एक  बहुआयामी योजना बताते हुए कहा कि कई सरकारों को मिलकर एक साथ काम करना होगा तभी नदियों को जोड़ना संभव होगा.डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति में तालाब तथा पोखर की पूजा की परंपरा है. जीवन के हर संस्कार इससे जुड़े हैं. जन्म से लेकर विवाह तथा मृत्यु तक हर संस्कार में तालाब पोखर की पूजा अर्चना की परंपरा रही है, लेकिन हम इसे भूलते जा रहे हैं. आज जरूरत है इसे पुनर्जीवित करने की.

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