तारापुर आईटीआई के 19 में से 13 शिक्षक गायब, छात्रों ने सुनाई दुर्दशा की कहानी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शिक्षा को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है. सरकारी कॉलेजों को और ज्यादा हाईटेक किया जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी कॉलेज हैं जहां शिक्षक सरकारी तंत्र की सुस्ती का फायदा उठाकर मलाई खाने में लगे हैं. शिक्षा के स्तर को गिराने में जुटे हुए हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति मुंगेर के तारापुर अनुमंडलीय क्षेत्र स्थित आईटीआई कॉलेज की है. जहां एक तरफ पढ़ने के लिए तो उंची शानदार बिल्डिंग है, लेकिन पढ़ाने को शिक्षक नहीं है. इतना ही नहीं पूरे बिल्डिंग में अंधेरा कायम है, क्योंकि बिजली का कनेक्शन ही नहीं है. यही नहीं कॉलेज के छात्रों को पढ़ाने के लिए कुल 19 शिक्षक बहाल किये गए हैं, लेकिन उपस्थित केवल पांच से छः शिक्षक ही रहते हैं. छात्रों को पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था तक नहीं है. यदि कहे कि यह कॉलेज छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है तो गलत नहीं होगा. इस कॉलेज के कई नियमित छात्र-छात्राओं का कहना है कि हमने आज तक इस कॉलेज के प्राचार्य तक को नहीं देखा है. यही नहीं प्राचार्य सहित कई अन्य शिक्षकों का चेहरा तक इन लोगों ने नहीं देखा है.
छात्रों ने सीधे तौर पर प्रिंसिपल को ज़िम्मेदार ठहराते हुए बताया कि प्राचार्य अपने आवास भागलपुर से कॉलेज को संचालित करते हैं. लगभग प्रतिदिन प्राचार्य गायब ही रहते हैं. कुल 19 शिक्षक, कर्मचारी में सिर्फ 5 से 6 की उपस्थिति रहते हैं. इस दौरान सरकारी कर्मचारी के वेतन को मनमानी कर गबन करने का संगीन आरोप शिक्षकों ने प्राचार्य पर लगाया है. शिक्षक और कर्मचारी ने सीधे तौर पर प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्राचार्य महोदय उन सभी के वेतन के साथ काफी छेड़छाड़ कर 10% TDS उनके मूल वेतन से काट कर उन्हें वेतन देते हैं, जो कि बिहार सरकार आईटीआई के नियम के विरूद्ध है.
नियमित रूप से आ रहे कर्मचारियों का संगीन आरोप है कि प्राचार्य महोदय किसी की उपस्थिति सरकारी रजिस्टर में दर्ज नहीं करते, मौखिक उपस्थिति होती है, जिसका सीधा फायदा उठा रहे रोजाना 13 शिक्षक गायब हैं. मीडिया की सूचना प्राचार्य को मिलने पर, उन्हीं के एक करीबी सहयोगी द्वारा उपस्थिति रजिस्टर को छिपाने की कोशिश की गई. कवरेज के दौरान उपस्थित शिक्षक, कर्मचारी अपने प्राचार्य पर बहुत से संगीन आरोप लगा रहे हैं. कर्मचारी बताते हैं कि लाखों रूपये वेतन पा रहे प्राचार्य “विजेंद्र नारायण भूषण” सहित कई अन्य शिक्षक शिक्षा के नाम पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.
छात्र कहते हैं कि वे ऐसे कालेज में दाखिला पाकर अफसोस कर रहे हैं. इस मामले में जब स्थानीय विधायक डा० मेवालाल चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये बहुत दुर्भागयपूर्ण है और खुद जाकर जाँच करने की बात कही. विधायक जी ने कहा कि इस मामले की छानबीन कर पूरी जानकारी सरकार को जल्द सौंपी जाएगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की तरफ से कई तरह की योजनाएँ चलाई जा रही और कुछ चंद लोगों की वजह इसे कतई भ्रष्ट नहीं होने दिया जा सकता. उन्होनें कहा कि जाँच में सच्चाई साबित हो जाती है तो दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. बरहाल, इन सभी भ्रष्ट रवैये को अन्ततः छात्र ही झेल रहे हैं, उनके उज्वल भविष्य का ठेका तो अब सरकारी सिस्टम के हाथों ही है.
तारापुर, मुंगेर से शशांक घोष की रिपोर्ट