नेपाल से सकुशल घर लौटे युवक, मदद करने वालों का जताया आभार

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नेपाल से सकुशल घर लौटे युवक, मदद करने वालों का जताया आभार
 
सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: नेपाल में दस दिनों तक पुलिस व कस्टम के चंगुल में फंसे रहने के बाद शनिवार देर रात खूंटी लौटे युवकों ने इस मामले में मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया। रविवार को इन आठों युवकों ने नेपाल में उनके साथ हुई घटना की विस्तार से जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि 04 नवंबर को दो निजी कार से आठ युवक नेपाल घूमने गए थे। जानकारी के अभाव में वे गलत रास्ते से बिना परमिट के नेपाल में प्रवेश कर गए। जिस रास्ते से उन्होंने नेपाल में प्रवेश किया था, उस रास्ते में कोई नाका नहीं मिला। जब वे काठमांडू के समीप पहुंचे तो उन्हें एक पुलिस चौकी मिली। इसपर वे लोग परमिट बनवाने के उद्देश्य से चौकी में गए। वहां पुलिस वालों ने बताया कि यहां परमिट नहीं बनती है, बल्कि टोकन कटता है। पुलिस वाले उन्हें परमिट बनवाने की बात कर अपने साथ ले गए और उनसे नेपाल में प्रवेश करने के बाबत पूछताछ करने लगे। इसके बाद उन्हें कस्टम के हवाले कर दिया गया। प्रारंभ में मोटरसाइकिल चोरी का झूठा केस बनाकर शुभम साहू व राहुल साहू को हिरासत में ले लिया। बाकी युवक नेपाल स्थित भारतीय दूतावास गए और अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया। दूतावास के अधिकारियों के हस्तक्षेप पर मोटरसाइकिल चोरी की जगह धनसार चोरी का मामला दर्ज कर लिया गया। इसके बाद कस्टम के अधिकारी उनसे कहने लगे कि जमानत राशि के तहत 45 लाख जमा करने पर हिरासत में लिए गए युवकों को रिहा किया जाएगा। बाद में 57 लाख की मांग की जाने लगी। इस बीच भारतीय दूतावास में पदस्थापित परमजीत गुलाटी के प्रयास से 12 नवंबर को कस्टम के अधिकारियों के व्यवहार में नरमी आयी। उन्हाेंने कहा कि नेपाली मुद्रा में 96 हजार रुपये धनसार की राशि जमा करने पर रिहा किया जाएगा। उसी दिन धनराशि जमा करा दी गई। लेकिन दूसरे दिन फिर कस्टम के अधिकारी अपनी बात से मुकर गए और स्थिति यथावत हो गई। बाद में भारतीय दूतावास के अधिकारियों, भारतीय विदेश मंत्रालय तथा खूंटी सांसद और कंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रयास से नेपाली मुद्रा में छह लाख रुपये जमानत राशि जमा करने पर दोनों युवकों को रिहा करने की बात हुई। युवकों के पास जमानत राशि जमा करने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन नेपाल में रह रहे भारतीय मूल के संजय कुमार झा ने जमानत राशि के लिए पैसे की व्यवस्था की। वहीं संजय कुमार झा व संजय कुमार शर्मा उन युवकों के जमानतदार बने तब 15 नवंबर को दोनों युवकों को रिहा किया गया। उन्होंने बताया कि नेपाल में भारतीय दूतावास के अधिकारी परमजीत गुलाटी, संजय झा, संजय शर्मा तथा एनजीओ में काम करने वाली खूंटी की गायत्री सिंह शुरू से ही उनकी रिहाई के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही थीं। उनके अतिरिक्त विदेश मंत्रालय तथा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी उनकी रिहाई में अहम भूमिका निभाई। युवकों ने बताया कि उनकी कार अभी भी नेपाल में कस्टम की कस्टडी में है। 13 दिसंबर को कस्टम की अदालत में सुनवाई होगी। भारतीय दूतावास के अधिकारी कार को छ़ुड़ाने के लिए प्रयासरत हैं। एक-दो सुनवाई के बाद दोनों कारों को छोड़े जाने की संभावना है। पक्ष में फैसला आने पर कार के साथ ही जमानत राशि भी वापस हो जाएगी। सभी युवकों ने अपनी सुरक्षित घर वापसी के लिए मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया।
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