प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए मंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने विभागीय अधिकारियों को विभिन्न ज़िलों में प्याज की कीमतों में अंतर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए प्रशासनिक उपाय करने का निर्देश दिया है। राय के निर्देश पर विभाग के सचिव अमिताभ कौशल के साथ रांची के आलू-प्याज़ थोक व्यवसायियों की बैठक हुई। बैठक में व्यवसायियों ने बताया कि विभिन्न श्रेणी के प्याज़ की क़ीमतों में अचानक वृद्धि तात्कालिक कारणों से है और सप्ताह-10 दिन के भीतर क़ीमतें नीचे आ जायेंगी। इस बीच राजस्थान, कर्नाटक और दक्षिण के अन्य राज्यों से भी प्याज़ की आवक शुरू हो गयी है। यह प्याज़ के मूल्य नियंत्रण में सहायक होगा।
मंत्री राय इससे पूर्व बुधवार को जमशेदपुर के कृषि बाज़ार समिति प्रांगण गये और आलू-प्याज़ के थोक व्यवसायियों के साथ प्याज़ की क़ीमत में अचानक वृद्धि पर चर्चा की। मंत्री को व्यवसायियों ने बताया कि महाराष्ट्र में लगातार तीन दिनों से अचानक बारिश होने के कारण भंडारित प्याज़ में नमी आ जाने से बड़ी मात्रा में प्याज़ ख़राब हो गई है। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारों ने अपने यहां प्याज़ का भंडारण कर रखा है, पर उठाया नहीं है। वह प्याज़ भी सड़ कर ख़राब हो गया, जो तात्कालिक मूल्य वृद्धि का कारण है। आपूर्ति विभाग के सूत्रों ने बताया कि झारखंड की 20 मंडियों में फ़िलहाल 5400 क्विंटल प्याज़ का भंडार है। सबसे ज़्यादा भंडार रांची में 2200 क्विंटल और सबसे कम गढ़वा में 20 क्विंटल प्याज़ का भंडार होने की सूचना राज्य के अधिकृत सूत्रों से मिली है। प्याज़ का थोक भाव डालटेनगंज, लोहरदगा, कोडरमा में 6500 रूपये प्रति क्विंटल और सबसे कम थोक भाव पाकुड़ में 3500, गोड्डा में 4200, टिकुलिया में 4500 रूपये प्रति क्विंटल आज रहा है। प्याज़ के थोक और खुदरा भाव में सर्वाधिक अंतर 1500 से 18000 रूपये प्रति क्विंटल झारखंड के करीब 10 ज़िलों में रहा है। जिसमें रांची, जमशेदपुर, डालटेनगंज, लोहरदगा, जामताडा, दुमका, गोड्डा आदि शामिल है। थोक और खुदरा भाव में सबसे कम अंतर 5 000 से 8000 रूपये प्रति क्विंटल राज्य के नौ ज़िलों में रहा है। जिनमें धनबाद, गुमला, पाकुड़, चतरा, कोडरमा, हज़ारीबाग़ आदि शामिल हैं। प्याज़ की क़ीमतों को नियंत्रित करने के लिये प्रशासन द्वारा कई कदम उठाये जायेंगे। जिनमें सुविधा केन्द्रों से सस्ता प्याज़ बिकवाना, नाफेड से प्याज़ मंगवाना और अन्य राज्यों से प्याज़ की आपूर्ति तेज करवाना शामिल है। प्याज़ की बढ़ी क़ीमतों के मद्दे नज़र प्याज़ के थोक और खुदरा भाव में अंतर कम कराने का हर संभव प्रयास किया जायेगा, जिसमें राज्य के व्यवसायी भी सहयोग करने के लिये तैयार हैं।