झारखंड में महागठबंधन के लिए चुनौती बने असदुद्दीन ओवैसी
मुस्लिम बहुल 12 विधानसभा सीटों पर ओवैसी की नजर, JMM-कांग्रेस गठबंधन के लिए खतरा.
झारखंड में महागठबंधन के लिए चुनौती बने असदुद्दीन ओवैसी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा उप-चुनाव में किशनगंज विधान सभा सीट से अपनी पार्टी का खाता खुलने के बाद AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का मनोबल काफी बढ़ गया है.. झारखंड की दर्जनभर मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की नजर है. असदुद्दीन ओवैसी के इस योजना से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. असदुद्दीन ओवैसी विपक्ष के राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ सकता है.
पिछले महीने हुए महाराष्ट्र विधानसभा और बिहार में हुए उपचुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. बिहार में 5 सीटों पर हुए उपचुनाव में AIMIM ने किशनगंज सीट पर जीत हासिल की है, तो वहीं महाराष्ट्र में भी पार्टी ने दो नई जगहों पर जीत दर्ज की है. हालांकि दो सीटों पर AIMIM के विधायक हार गए हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र की कुल 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
बहरहाल, इन दो राज्यों में मिली जीत के बाद AIMIM की नजर अब झारखंड विधानसभा चुनाव पर है. झारखंड की दर्जनभर मुस्लिम बहुल असेंबली सीटों पर पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी नजर गड़ाए बैठे हैं. इस सिलसिले में ओवैसी रांची का दौरा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि राज्य की कुल 81 सीटों में से ओवैसी ऐसी 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं, जहां पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है.
AIMIM दोनों दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस के गठबंधन का सियासी समीकरण को बिगाड़ सकती है. विपक्ष में बैठी जेएमएम-कांग्रेस के सत्ता में वापसी के सपने को भी धक्का लग सकता है. ओवैसी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी झारखंड में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेगी.गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बीते 1 नवंबर यानी शुक्रवार को झारखंड में होने वाली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है.राज्य में कुल 5 चरणों में चुनाव होंगे. राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच 5 चरणों में चुनाव होंगे. 23 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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