गुजरात के नए प्रोटेम स्पीकर बीजेपी के बोपैया , कांग्रेस दहशत में

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सिटीपोस्टलाईव: कर्नाटक में आज बीजेपी का शक्ति-परिक्षण है.इस शक्ति परिक्षण में बीजेपी जीतने के लिए तो दूसरी तरफ कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर की तरफ से बीजेपी का खेल बिगड़ने के लिए ऐड़ी-चोटी की जोर आजमाईश जारी है.लेकिन इस बीच राज्यपाल वैजुभाई वाला ने प्रो-टेम-स्पीकर की नियुक्ति पर एक ऐसी गुगली खेल दी है,जिससे कांग्रेस में हडकंप मच गया है.राज्यपाल ने विधानसभा के विधायकों की वरीयता को नजर-अंदाज कर विधायक केजी बोपैया को प्रो-टेम स्पीकर बना दिया है.ये विधायक बीजेपी से तो हैं ही साथ ही ऐसे विवादित पूर्व स्पीकर हैं, जिनके फैसले की आलोचना खुद सुप्रीमकोर्ट कर चूका है.गुजरात के नए प्रोटेम स्पीकर बीजेपी के बोपैया , कांग्रेस दहशत में हैं.

राज्य विधानसभा में नई विधानसभा की कार्यवाही को सुचारु तौर पर चलाने के लिए प्रो-टेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है, नए विधायकों को शपथ दिलाता है. और अगर शक्ति परीक्षण की जरूरत पड़े तो ये काम उसी की देखरेख में होता है, जैसा कि कर्नाटक विधानसभा में शनिवार शाम को होना है. उस कार्यवाही को संचालित करने का नया प्रो-टेम स्पीकर ही करेगा.

गुजरात के नए प्रोटेम स्पीकर बीजेपी के बोपैया कांग्रेस के लिए दहशत इसलिए बन गए हैं क्योंकि वो बीजेपी के सबसे विवादित विधायक हैं.बोपैया वर्ष 2009 से 2013 तक कर्नाटक विधानसभा में स्पीकर रह चुके हैं और बीजेपी के लिए संकटमोचक भी बन चुके हैं. स्पीकर के रूप में उन्होंने वर्ष 2011 में येदुरप्पा सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले बीजेपी के 11 विधायकों को अयोग्य करार देकर येदुरप्पा सरकार को नया जीवनदान दिया था. बाद में उनके फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट ने पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट ने उनके काम की आलोचना की थी.

प्रो-टेम स्पीकर बनाए गए बोपैया पहली बार 2004 में वो बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. तब से वो लगातार विधानसभा के लिए चुने जाते रहे हैं. 55 साल के बोपैया पेशे से वकील हैं. उन्होंने गोल्ड मेडल के साथ कानून की परीक्षा पास की थी.अब राज्यपाल द्वारा नियुक्त केजी बोपैया ही विधानसभा में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बीजेपी की येदुरप्पा सरकार के बहुमत साबित करने की प्रक्रिया को अपनी देखरेख में अंजाम देंगे. कांग्रेस को दर सता रहा है कि कहीं फिर से बोपैया कोई बड़ा खेल ना कर दें.

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