समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव: क्या है मुद्दा और क्या है जनता का मूड?
सिटी पोस्ट लाइव ; मिथिलांचल का प्रवेश द्वार समस्तीपुर का गौरवशाली अतीत और समृद्धशाली इतिहास रहा है. समस्तीपुर ने पिछले दो दशक में विकास की नई इबारत लिखी है. यहाँ के सांसद रामचंद्र पासवान के आकस्मिक निधन के बाद फिर से उप-चुनाव हो रहा है. इस उप-चुनाव के जरिये समस्तीपुर की जनता अपने विकास पुरुष का चयन करेगी. 4 महीने के अन्दर समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र को सांसद रामचंद्र पासवान के असामयिक निधन के कारण उपचुनाव का सामना करना पड़ रहा है.
चुनाव मैदान में रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज हैं जिनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार अशोक राम से है.समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. मतों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी. एनडीए समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार प्रिंस राज को अपने पिता के द्वारा किये गए विकास कार्यों पर भरोसा है तो कांग्रेस डॉ अशोक कुमार का दवा है कि इसबार समस्तीपुर की जनता बदलाव करने के मूड में है.
समस्तीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट है. इस लोक सभा क्षेत्र के अन्दर 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.सबसे ख़ास बात ये है कि ये विधान सभा क्षेत्र समस्तीपुर और दरभंगा दोनों जिलों के हैं.समस्तीपुर जिले के चार और दरभंगा जिले के 2 विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं. समस्तीपुर के चार विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर और रोसरा हैं वहीँ दरभंगा के हायाघाट और कुशेश्वर विधान सभा इस संसदीय क्षेत्र के हिस्सा हैं.
समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में बूढ़ी गंडक, बागमती, करेह, बलान और उसकी कई सहायक नदियां बहती है. कभी इलाके में कई बड़े उद्योग हुआ करते थे जो हजारों हाथों को काम और उनके परिवार को रोटी देने का काम करता था. वह अब पूरी तरह से दम तोड़ चुके हैं. समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र का आधा क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है तो आधा क्षेत्र सुखा से प्रभावित रहता है.
एक समय था जब समस्तीपुर में जूट मिल, पेपर मिल और चीनी मिल सहित कई बड़े उद्योग थे और यह यहां के लोगों के रोजगार के साधन थे. लेकिन इन उद्योगों के बंद हो जाने से क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या बढ़ गई. 1917 में स्थापित समस्तीपुर का चीनी मिल 90 के दशक के बाद से लगातार बंद और खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. वहीं रामेश्वर जूट मिल पिछले 2 साल से बंद है. चीनी मील और जूट मिल की तरह एक पेपर मिल के कुछ अवशेष मात्र ही बचे हैं.प्रिंस राज फिर से समस्तीपुर के गौरवशाली अतीत को लौटाने के वायदे के साथ चुनाव मैदान में हैं.
समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में कुल 8 प्रत्याशी मैदान में हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला एनडीए समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत सांसद रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज और कांग्रेस डॉ अशोक कुमार के बीच है.चार महीना पहले हुए चुनाव में रामचंद्र पासवान को 562443 वोट और कांग्रेस के डॉ अशोक कुमार को 310800 वोट प्राप्त हुए थे. रामचंद्र पासवान ने डॉ अशोक कुमार को 251643 वोट के अंतर से पराजित किया था.अब उनके बेटे प्रिंस राज के जिम्मे उनकी राजनीतिक विरासत है.
उपचुनाव में 16,36,983 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8,70,329 और महिला मतदाताओं की संख्या 7,66,628 है. थर्ड जेंडर वोटर की संख्या 26 है. जातीय समीकरण के आधार पर समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र को देखें तो यहां यादव मतदाता 32%, कुशवाहा मतदाता 24 प्रतिशत, सवर्ण वोटर 18 प्रतिशत, मुस्लिम वोटर 12 प्रतिशत और अन्य वर्ग के मतदाता 14 प्रतिशत हैं.एलजेपी के उम्मीदवार प्रिंस राज जहां दिवंगत सांसद और अपने पिता के अधूरे सपने को साकार करने के वायदों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार समस्तीपुर की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं. उनका कहना है कि अब तक समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र के समस्याओं को लेकर मजबूती के साथ आवाज उठाने वाला कोई नहीं हुआ.