IIT मुंबई ने नियम का हवाला देकर जीनियस तथागत को नौकरी से निकाला

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IIT मुंबई ने नियम का हवाला देकर जीनियस तथागत को नौकरी से निकाला

सिटी पोस्ट लाइव : बचपन में छप्पन का अनुभव रखनेवाले और  दुनियाभर में अपनी प्रतिभा का परचम लहरानेवाले बिहार के जीनियस तथागत अवतार तुलसी गंभीर संकट में फंस गए हैं.तथागत तुलसी पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ को कोविंद तक इंसाफ की गुहार लगा चुके हैं. दरअसल भौतिकी के प्रोफेसर तथागत तुलसी को मुंबई IIT ने नौकरी से निकाल दिया है जिसकी वजह से वे परेशान हैं.

तथागत के अनुसार 22 साल की उम्र में देश का सबसे युवा प्रोफेसर बनने का इनका सपना साकार हुआ था. तथागत तुलसी पीएचडी करने के तुरंत बाद वर्ष 2010 में ही ये IIT मुंबई के प्रोफेसर बन गए थे. लेकिन वहां का क्लाइमेट इन्हें सूट नहीं किया. वो बीमार रहने लगे . बीमार रहने के दौरान 4 साल तक ये लगातार छुट्टी पर रहे और फिर पांचवें साल इन्होंने प्रबंधन को छुट्टी के लिए आवेदन दिया, लेकिन इसबार छुट्टी की मंजूरी नहीं मिली.

तथागत ने संस्थान के निदेशक को IIT दिल्ली में तबादला करने के लिए आवेदन दिया ताकि वहां पढ़ाने के अतिरिक्त वे रिसर्च भी कर सकें.लेकिन, प्रबंधन ने एक्ट का हवाला देते हुए तबादले से भी इंकार कर दिया और फिर इन्हें नौकरी से टर्मिनेट कर दिया. तथागत को यकीन नहीं हो रहा है कि IIT मुंबई इन पर इतनी बड़ी कार्रवाई कैसे कर सकता है क्योंकि इन्हें एक्सट्रा ऑर्डिनरी के आधार पर नियुक्ति मिली थी.उनका कहना है कि नियम कानून में अगर कमी है तो उसे सुधारना चाहिए न कि कानून का हवाला देकर गलत काम करना चाहिए. तथागत को अब भी भरोसा है कि बोर्ड के निर्णय के खिलाफ अपील में जाने के बाद इन्हें न्याय मिल जाएगा. क्योंकि बोर्ड ने 12 नवंबर तक के लिए बोर्ड के खिलाफ अपील में जाने का समय दिया है. तथागत का आरोप है कि संस्थान के निदेशक को इन्होंने निवेदन भी किया था कि मेरी मांग को राष्ट्रपति को फॉरवर्ड कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

तथागत का कहना है कि जब IAS और IPS के लिए कानून का संशोधन हो सकता है तो फिर IITमें संशोधन क्यों नहीं हो सकता? तथागत ने ये भी कहा कि प्रोफेशन के मामले में IIT मुंबई काफी बेहतर है, लेकिन क्लाइमेट सही नहीं हैं. तथागत ने 2010 में IIT मुंबई ज्वाइन किया था और 2013 तक लगातार बच्चों को शिक्षा देते रहे.

इस दौरान इन्होंने क्वांटम कंप्यूटर पर रिसर्च भी शुरू किया था जिसके एवज में प्रबंधन ने ग्रांट भी दिया था, लेकिन रिसर्च पूरा नहीं हो पाया और अब नौकरी भी चली गई है. तथागत को अब पीएम मोदी और राष्ट्रपति से ही उम्मीद है कि कानून में संशोधन होगा और इन्हें दिल्ली IIT में प्राध्यापक बनने का मौका मिलेगा.

तथागत ने भारत सरकार से निवेदन करते हुए कहा कि नौकरी काफी मेहनत से मिलती है और मेरा सपना है कि मैं देश की सेवा करूं इसीलिए सरकार मेरा निवेदन सुनते हुए मुझे मौका दे. तथागत ने इतने के बाद भी भारत में ही नौकरी करने की इच्छा जताई और कहा कि ऑफर मिलेगा भी तो भी मेरा सपना IIT ही रहेगा क्योंकि यहां देश सेवा के साथ मैं रिसर्च भी कर सकूंगा.

बता दें कि 6 साल की उम्र से ही तथागत तुलसी सुर्खियों में रहे हैं और 9 साल में मैट्रिक,11 साल में ग्रेजुएशन और 12 साल में एमएससी, 21 साल में पीएचडी और 22 साल में IIT के प्रोफेसर बनकर रिकॉर्ड कायम किए थे. इसकी वजह से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इनका नाम दर्ज है.

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