सिटी पोस्ट लाईव :एक सप्ताह पूर्व ही सिटीपोस्ट ने ये खबर दिया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अधिकारी दीपक कुमार राज्य के अगले मुख्य सचिव होंगे.इस खबर पर अब पीएमओ की मुहर भी लग चुकी है. केन्द्र सरकार ने दीपक कुमार की केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति को बीच में ब्रेक करते हुए उन्हें राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया है .केंद्र ने उनकी सेवा बिहार सरकार को सौंप दी है. दीपक कुमार फरवरी 2020 तक मुख्य सचिव बने रहेगें . हालांकि, अभी तक राज्य सरकार ने दीपक कुमार की मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति से संबंधित आदेश जारी नहीं किया है.अगले सप्ताह तक अधिसूचना जारी हो जाने की उम्मीद है.गौरतलब है कि दीपक कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह राज्य में स्वास्थ्य, नगर विकास, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं.
आइएएस अधिकारी अंजनी कुमार सिंह की सेवा विस्तार की अवधी 31 मई को ख़त्म हो रही है.उनकी जगह दीपक कुमार बिहार के मुख्य सचिव बनेगें. एनएचएआइ के चेयरमैन का दायित्व संभालने से पूर्व वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और बिहार सरकार में स्वास्थ्य और कार्मिक जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व भी संभाल चुके हैं. इससे पूर्व वह केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा के भी पीएस रह चुके है.
वरीयता क्रम में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह के बाद 1982 बैच के शिशिर सिन्हा का नंबर था, लेकिन रिटायरमेंट के तीन महीना पहले ही उन्होंने वीआरएस ले लिया और बिहार लोक सेवा आयोग के चैयरमैन बना दिए गए. 82 बैच के आइएएस नवीन वर्मा, रश्मि वर्मा और रमेश अभिषेक और 83 बैच के अमरजीत सिन्हा, सीके मिश्रा तथा सुनील कुमार सिंह वरीयता क्रम में दीपक कुमार से ऊपर है.लेकिन इनमें सुनील कुमार सिंह को छोड़कर अन्य सभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है. सीके मिश्र व्यक्तिगत कारणों से बिहार लौटना नहीं चाहते है और अन्य का कार्यकाल कम दिनों का रहने की वजह से दीपक कुमार का पलड़ा भारी था.दीपक कुमार एक कड़क और ईमानदार अधिकारी माने जाते हैं. जिस विभाग की जिम्मेवारी उन्होंने संभाली है उसका कायाकल्प कर दिया है.उनके नेत्रित्व में बिहार में एकबार फिर से नयी शुरुवात हो सकती है.