इंटक समेत सभी पांच ट्रेड यूनियन के सदस्य पांच दिनों के लिए हड़ताल पर गए
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: कोल इंडिया में एफडीआई को केंद्र सरकार द्वारा लागू करने के विरोध में इंटक समेत सभी पांच ट्रेड यूनियन के सदस्य पांच दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। मंगलवार से जारी हड़ताल शनिवार तक चलेगी। यूनियन के नेताओं ने सुबह से ही रामगढ़ जिले के तमाम कोल परियोजनाओं को बंद करा दिया। यहां तक की इस काम में लगे ट्रांसपोर्टरों को भी ट्रेड यूनियन ने रोक दिया। हड़ताल के बाद अरबों रुपए की परियोजनाएं फिलहाल ठप हो गई हैं। किसी भी खदान में न तो जेसीबी चली और न ही वहां स्टॉक में पड़े कोयले का उठाव हो पाया। रामगढ़ जिले में रजरप्पा, कुज्जू, टोपा, हेसागढ़ा, वेस्ट बोकारो, झारखंड परियोजना, भुरकुंडा, बरकासयाल, उरीमारी, न्यू विरसा, बिरसा समेत दर्जनों परियोजनाओं का चक्का जाम चक्का जाम हो गया है। हड़ताल के दौरान सीसीएल के तमाम हॉस्पिटल को भी बंद किया गया है। हॉस्पिटल में सिर्फ आपातकालीन व्यवस्था को हड़ताली कर्मचारियों ने छूट दे रखी है। हड़ताल की पूर्व संध्या पर सभी ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने संयुक्त रूप से प्रतिरोध मार्च निकाला था। सोमवार से ही सभी कोल परियोजनाओं में गाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। सुबह होते ही सभी ट्रेड यूनियन के सदस्य झंडा लेकर प्रोजेक्ट ऑफिस और जीएम ऑफिस ऑफिस पहुंचे। वहां उन्होंने सभी कार्यालयों का ताला बंद कर दिया। इसके अलावा परियोजना में लगी मशीनों को भी हड़ताली कर्मचारियों ने बाहर निकलवा दिया। यहां तक कि ट्रांसपोर्ट कंपनियों को भी माइंस एरिया से बाहर रहने की हिदायत दे दी गई। इंटक के साथ एचएमएस, एआईटीयूसी, सीआईटीयू और एआईसीसीटीयू के सदस्य भी हड़ताल पर साथ दे रहे हैं।
सरकार की नींद नहीं खुली तो करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल : ददई दुबे
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष ददई दुबे ने कहा कि हड़ताल सरकार की नींद खोलने के लिए है। हड़ताल के बाद भी अगर सरकार कोल इंडिया से एफडीआई को दूर नहीं करती है तो यह अनिश्चितकालीन भी हो सकती है। पांच दिनों में सरकार का इस मुद्दे पर अगर मंतव्य नहीं आया तो सभी पांचों ट्रेड यूनियन एक साथ बैठक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर विचार-विमर्श विमर्श करेंगे। सभी कोल परियोजनाओं में एकसाथ हड़ताल के कारण अकेले सिर्फ रामगढ़ में सीसीएल को 50 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। 5 दिनों की हड़ताल में अरबों रुपए की क्षति होने की आशंका है। अगर यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील होती है तो कोल इंडिया को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।