निजी स्कूलों पर नकेल, किताब और ड्रेस को कारोबार बनानेवाले स्कूलों 2 लाख जुर्माना
सिटी पोस्ट लाइव : किताबें और स्कूल ड्रेस बेचना निजी स्कूलों का सबसे बड़ा कारोबार बन गया है. निजी स्कूलों की इस मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी में बिहार सरकार जुट गई है. पटना के कमिश्नर आनंद किशोर ने निजी स्कूलों पर नकेल कसने को लेकर सोमवार को बैठक की. बैठक में पटना कमिश्नर के अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारी और निजी स्कूल के प्रबंधक मौजूद थे. आनंद किशोर ने कहा कि निजी स्कूलों को हिदायत दी गई कि कोई भी स्कूल किसी खास दुकान से किताब और ड्रेस लेने के लिए छात्रों या अभिभावक को बाध्य नहीं कर सकता. अगर ऐसा करते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. पहली बार शिकायत मिलने पर 1 लाख का जुर्माना लगेगा. कोई अगर दूसरी बार शिकायत मिलती है तो उस स्कूल पर 2 लाख का जुर्माना ठोका जाएगा.
पटना कमिश्नर ने सभी स्कूल प्रबंधकों को हिदायत दी कि साल में 7 फ़ीसदी से अधिक फीस की बढ़ोतरी नहीं होना चाहिए. अगर उन्हें इससे अधिक फीस बढ़ानी है तो उसके लिए सरकार से अनुमति लेना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर किसी स्कूल से बार-बार यही शिकायत आती है तो उसका निबंधन रद्द हो सकता है. पटना कमिश्नर ने सभी स्कूल प्रबंधकों को कहा कि अपने-अपने साइट पर स्कूल ड्रेस और किताब की विवरणी सौंपे ताकि छात्रों और अभिभावकों को किताब खरीदने में कोई परेशानी नहीं हो. इसके अलावा स्कूल बस के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं. इसका पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर सरकार कार्रवाई करेगी. आनंद किशोर ने कहा कि पटना के जिन स्कूलों ने वर्तमान सत्र में 7 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाई है उनको 15 दिनों के अंदर अपना प्रतिवेदन देना होगा.
पटना कमिश्नर के इस आदेश के बाद अभिभावकों ने री-एडमिशन के नाम पर हर साल छात्रों से वसूले जा रहे फीस को लेकर भी सवाल उठाया है. उनका कहना है कि एकबार एडमिशन फीस लेने की जगह स्कूल प्रबंधन हर साल री-एडमिशन के नाम पर उनसे 12 हजार से 20 हजार रुपये की वसूली करता है जिसपर रोक लगनी चाहिए.