अनंत सिंह और भोला सिंह के बीच एनटीपीसी पर कब्जे की लड़ाई शुरू
सिटी पोस्ट लाइव : अनंत सिंह के जेल चले जाने के बाद बाढ़ एनटीपीसी पर वर्चस्व को लेकर अनंत सिंह के समर्थकों और विरोधियों के बीच एक बार फिर से खूनी जंग शुरू होने की संभावना प्रबल हो गई है. गौरतलब है अनंत सिंह कुख्यात भोला मुकेश की हत्या की साजिश रचने और अपने घर से AK-47 हैंड ग्रेनेड के बरामदगी मामले में बेउर जेल में बंद हैं तो वहीं उनका खास दुर्गा लल्लू मुखिया भी सरेंडर करने के बाद सलाखों के पीछे पहुँच गया है.अनंत सिंह के कमजोर पड़ते ही बाढ़ एनटीपीसी पर कब्जे की लड़ाई एकबार फिर से शुरू हो जाने की संभावना बढ़ गई है.
गौरतलब है एनटीपीसी एनटीपीसी पर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर ही अनंत सिंह के सबसे गरीबी भोला ने साथ छोड़ दिया था. उसके साथ छोड़ने के बाद दूसरा कुख्यात लल्लू मुखिया बाहुबली विधायक अनंत सिंह के साथ हो गया. अनंत सिंह और लल्लू मुखिया की जोड़ी ने एनटीपीसी पर पूरी तरह कब्जा कर लिया.स्थिति यह हो गई कि अगर एनटीपीसी में किसी निजी कंपनी को काम लेना है तो बगैर लल्लू मुखिया के स्वीकृति के संभव नहीं. लेकिन लोक सभा चुनाव के बाद अब परिस्थिति बदल चुकी है.मुंगेर के सांसद ललन सिंह के हस्तक्षेप की वजह से अनंत सिंह का दबदबा ख़त्म हो चूका है.वैसे चुनाव के दौरान ही ललन सिंह ये एलान कर चुके थे कि एनटीपी के ठेकेदारों से वसूली के अनंत के कारोबार को वो ध्वस्त कर देगें.
अनंत सिंह और लल्लू मुखिया दोनों जेल में बंद है.अनंत सिंह का विरोधी कुख्यात भोला सिंह फरार है. उसे अनंत सिंह और लल्लू मुखिया जेल जाने का इंतज़ार था. दोनों के जेल जाने के बाद अब एनटीपीसी पर भोला सिंह का कब्ज़ा हो चूका है. हाल ही में बाढ़ थाने में भोला सिंह पर रंगदारी को लेकर एक हाईवा के ओनर ने मामला दर्ज कराया था.जाहिर है जो रंगदारी कलतक अनंत सिंह के लोगों की चलती थी अब भोला सिंह के पास आ गई है. जो काम लल्लू मुखिया और अनंत के गुर्गे किया करते थे, वही काम अब भोला सिंह के लोग करने लगे है.
सूत्रों के अनुसार अनंत सिंह और लल्लू मुखिया किसी कीमत पर एनटीपीसी को अपने हाथ से देना जाने देना नहीं चाहते हैं. भोला एनटीपीसी पर कब्जा जमा चूका है और उसके कब्जे से एनटीपीसी को वापस लेने के लिए अनंत सिंह के लोग रणनीति बना रहे हैं.जाहिर बहुत जल्द दोनों पक्षों के बीच खुनी संघर्ष शुरू होगा.
दरअसल, एनटीपी के निर्माण का जब काम शुरू हुआ उसी समय से अनंत सिंह ने सारा ठेका अपने लोगों को दिलवा दिया. जब एनटीपीसी बनकर तैयार हो गया तो भी अनंत का यह कब्ज़ा बरकरार रहा. एनटीपीसी से राख से लेकर स्क्रैप के सप्लाई के हर काम में अनंत सिंह के लोगों का हिस्सा तय है. एनटीपीसी के साथ वहीँ काम कर सकता था जिसे अनंत सिंह का साथ हो. अब परिस्थिति बदल गई है. भोला सिंह की मर्जी एनटीपीसी पर चल रही है.सूत्रों के अनुसार एनटीपीसी से और उसके लिए काम करनेवाले ठेकेदारों से हर महीने करोड़ों रुपये का कमीशन उस पार्टी को मिलता है जिसका एनटीपीसी पर दबदबा रहता है.बिना कुछ निवेश के हर महीने करोड़ों रुपये की आवेश कमाई को लेकर अनंत सिंह गुट और भोला सिंह गुट के बीच खुनी संघर्ष तय है.