लोगों का मानना है कि मुख्य नहर से चैनल के जरिए किसानों तक पानी पहुंचाने वाले नहरों का रिलाइनिग कार्य पूर्ण नहीं किया गया था। लिहाजा बगोदर के आगे नहर का तटबंध टूट गया और पूरे इलाके में पानी भर गया। बताया जाता है कि पहले दिन 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। अभी 60 किमी तक ही काम पूरा हुआ है। 2021 तक पूर्ण रूपेण पानी छोड़ने का लक्ष्य है। परियोजना से हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो जिले के 85 गांवों में 62 हजार 895 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य है। विष्णुगढ़ प्रखंड के 19, बगोदर के 35, डुमरी के 22, सरिया के 6, नावाडीह के 3 गांवों के कुल 62 हजार 895 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। यह राज्य की पहली सिंचाई परियोजना है, जिसके लिए 6 किमी सुरंग बनाई गई है।
उद्घाटन के 12 घंटे के अंदर ही टूटा तटबंध, 500 एकड़ में लगी फसल बर्बाद
उद्घाटन के 12 घंटे के अंदर ही टूटा तटबंध, 500 एकड़ में लगी फसल बर्बाद
सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग: विष्णुगढ़ प्रखंड में बहुप्रतीक्षित कोनार सिंचाई परियोजना का मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा उद्घाटन किए जाने के महज 12 घंटे के अंदर ही इसके नहर का तटबंध टूट कर बह गया। इससे गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के कुसमरजा, खतैया, प्रतापपुर, घोसको गांव के करीब 500 एकड़ खेतों में लगी फसल बर्बाद हो गयी। धान के अलावा मकई, मूंगफली की फसल भी बर्बाद हो गयी। साथ ही कुछ लोगों के घरों के भी टूटने की बात कही गई है। लोग इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार कुसमरजा के पास साढ़े सात मीटर तटंबंध टूटा है। 1977 में महज 11 करोड़ 43 लाख की लागत से इस योजना को प्रारंभ किया गया था। 2017 में इसकी लागत 2176 करोड़ 25 लाख पहुंच गई। बताया गया है कि नहर में पानी लबालब भरा था। यही कारण है कि तटबंध टूटने से दूर-दूर तक पानी और मिट्टी भर गया। तटबंध टूटने से बगोदर के कुसमरजा, बरवाडीह, घोसको, परतापुर के किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। तटबंध टूटने के बाद नहर का पानी रोक दिया गया है। यह भी सूचना है कि जुलाई में पानी छोड़ने को लेकर ट्रायल भी किया गया था। परियोजना के पूरी हो जाने से सूबे के तीन जिले के किसानों को पानी मिलेगा। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि इस घटना के सामने आने के बाद कैनाल में पानी रोका गया है। लगभग साढ़े सात मीटर तटबंध टूटा है। तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं। जहां पर नहर बही है, वहां खेत से ज्यादा पहाड़ी इलाके हैं। बहुत जल्दी इसे दुरूस्त कर लिया जाएगा।
रिलाइनिंग का कार्य पूर्ण नहीं होने से नुकसान
लोगों का मानना है कि मुख्य नहर से चैनल के जरिए किसानों तक पानी पहुंचाने वाले नहरों का रिलाइनिग कार्य पूर्ण नहीं किया गया था। लिहाजा बगोदर के आगे नहर का तटबंध टूट गया और पूरे इलाके में पानी भर गया। बताया जाता है कि पहले दिन 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। अभी 60 किमी तक ही काम पूरा हुआ है। 2021 तक पूर्ण रूपेण पानी छोड़ने का लक्ष्य है। परियोजना से हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो जिले के 85 गांवों में 62 हजार 895 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य है। विष्णुगढ़ प्रखंड के 19, बगोदर के 35, डुमरी के 22, सरिया के 6, नावाडीह के 3 गांवों के कुल 62 हजार 895 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। यह राज्य की पहली सिंचाई परियोजना है, जिसके लिए 6 किमी सुरंग बनाई गई है।
लोगों का मानना है कि मुख्य नहर से चैनल के जरिए किसानों तक पानी पहुंचाने वाले नहरों का रिलाइनिग कार्य पूर्ण नहीं किया गया था। लिहाजा बगोदर के आगे नहर का तटबंध टूट गया और पूरे इलाके में पानी भर गया। बताया जाता है कि पहले दिन 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। अभी 60 किमी तक ही काम पूरा हुआ है। 2021 तक पूर्ण रूपेण पानी छोड़ने का लक्ष्य है। परियोजना से हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो जिले के 85 गांवों में 62 हजार 895 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य है। विष्णुगढ़ प्रखंड के 19, बगोदर के 35, डुमरी के 22, सरिया के 6, नावाडीह के 3 गांवों के कुल 62 हजार 895 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। यह राज्य की पहली सिंचाई परियोजना है, जिसके लिए 6 किमी सुरंग बनाई गई है।