शहीदों की शौर्य गाथा आज भी हमें प्रेरित करती है और आगे भी करेगी : रघुवर दास
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है दास गुरुवार को शहीद स्थल सह स्मारक समिति में झंडोत्तोलन और तिरंगे को सलामी देते बोल रहे थे। उन्होंने राज्यवासियों को देश की 72 वीं वर्षगांठ और रक्षा बंधन की शुभकामनाएं हुए कहा कि न्यू झारखंड बनने की राह पर राज्य के कदम बढ़ चुके हैं। शहीदों की शहादत पर हर हिंदुस्तानी को गर्व है। शहीदों की शौर्य गाथा आज भी हमें प्रेरित करती है और आगे भी करेगी।
पीएम मोदी के नेतृत्व में नया भारत का हो रहा निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नये भारत का निर्माण हो रहा है। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35 ए की समाप्ति इस दिशा में अहम कदम है। अब पूरे देश के लिए एक कानून है। 370 खत्म होने से अलगाववाद और आतंकवाद का भी सफाया हो जाएगा। देश की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाला खुद समाप्त हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से जम्मू-कश्मीर वास्तविक रूप से अखंड भारत का हिस्सा बन गया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ गृहमंत्री अमित शाह को बधाई दी।
झारखंड के शहीदों की शौर्यगाथा को जानेगी पूरी दुनिया
मुख्यमंत्री कहा कि देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले राज्य के शहीदों के सम्मान में रांची स्थित पुरानी जेल में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा लगाई जाएगी। यहां लाइट एंड साउंड प्रोग्राम के जरिए शहीदों की गाथा को पूरे देश-दुनिया में दिखाया जाएगा। इसके साथ यहां स्थित पार्क में शहीद जवानों की शौर्य गाथा लिखी जाएगी ताकि यहां आनेवाले लोग इससे अवगत हो सकें। आगामी 15 नवंबर तक इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शहीदों के गांवों को सरकार आदर्श गांव के तौर पर भी विकसित कर रही है। यहां शहीदों के परिजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
शहीद स्थल -सह -स्मारक का इतिहास
राजधानी रांची स्थित शहीद स्मारक देश के स्वाधीनता आंदोलन का गवाह रहा है। इस पवित्र स्थल पर 1857 स्वाधीनता आंदोलन में शामिल वीर सपूतों को ब्रिटिश हूकुमत ने फांसी दे दी थी। देश की आजादी के लिए हंसते-खेलते सूली पर लटकने वाले इन वीर सपूतों में अमर शहीद ठाकुर, विश्वनाथ शाहदेव और अमर शहीद पांडेय गणपत राय सहित कई अन्य शहीद शामिल हैं। आज इस स्थल का उपयोग शहीदों के सम्मान और देशभक्ति के कार्यक्रम के लिए किया जाता है।