मोदी सरकार बाघों को बचाने के लिए करेगी ये काम, जानकर लोग हुए हैरान
सिटी पोस्ट लाइव : बाघ संरक्षण में अग्रणी किरदार निभा रहे उत्तराखंड में बाघों के कुनबे ने बड़ा आकार ले लिया है. चार वर्ष के वक्फे में बाघों की संख्या में 102 का इजाफा हुआ है. अब इनकी संख्या 442 पहुंच गई है. दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के नतीजे जारी किए है. वहीं, क्षेत्रफल के मद्देनजर घनत्व के हिसाब से उत्तराखंड पहले नंबर पर है.
सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या के लिहाज से कार्बेट टाइगर रिजर्व पहले स्थापन पर है.टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में भी बाघ संरक्षण के लिए उत्तराखंड अव्वल है. साल2014 में हुई अखिल भारतीय स्तर की गणना के अनुसार तब प्रदेश में 340 बाघ थे, जबकि 2017 की प्रदेशस्तरीय गणना में ये आंकड़ा 361 पहुंच गया था.
राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के मुद्दे में साल2018 की अखिल भारतीय गणना के अनुसार उत्तराखंड देश में कर्नाटक (526)व मध्यप्रदेश (524) के बाद तीसरेजगहपर है. यहां दुनिया मशहूर कार्बेट टाइगर रिजर्व केअतिरिक्त राजाजी टाइगर रिजर्वव12 वन प्रभागों में बाघों का बसेरा है.यह बाघ संरक्षण के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में बाघों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश स्तर पर होने वाले बाघ आकलन मेंसाल2017 में प्रदेश में बाघों की संख्या में 2014 की अखिल भारतीय गणना के मुकाबले 21 का इजाफा हुआ था. पिछले साल उत्तराखंड समेत देश के 18 राज्यों में अखिल भारतीय बाघ आकलन के तहत सर्वेक्षण हुआ.
इस दौरान कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व में एक हजार से ज्यादा बीटों में बाघों के पगचिह्नों की गणना की गई. इसके अतिरिक्त बाघ बहुल वन प्रभागों में भी बड़ी संख्या में पगचिह्न मिले. इसके अतिरिक्त 1200 कैमरा ट्रैप के जरिये भी गणना की गई.सर्वेक्षण के आंकड़ों को विशेष रूप से तैयार किए गए ‘एम स्ट्राइप एप’ में भी फीड किया गया.इस बारप्रदेशमें बाघों की संख्या 442 पार हो गई है.