सिटीपोस्टलाईव:(आकाश )लोक सभा चुनाव के ठीक पहले अचानक फिर से क्वीन ऑफ़ कंट्रोवर्सी स्मृति ईरानी से महत्वपूर्ण का विभाग सूचना प्रसारण आखिर क्यों प्रधानमंत्री ने छीन लिया ? इस सवाल का जबाब पहली लाईन में ही छिपा है –दरअसल स्मृति ईरानी स्मि क्वीन ऑफ़ कंट्रोवर्सी बन गई हैं. जब से वो मंत्री बनी हैं उन्हें कईबार महत्वपूर्व विभाग प्रधानमंत्री ने सौंपी .लेकिन हर बार क्वीन ऑफ़ कंट्रोवर्सी ने ऐसा कंट्रोवर्सी पैदा किया जिससे सरकार की थू-थू हुई .जेटली से मंत्रालय लिया जाना स्वाभाविक माना जा रहा है, लेकिन स्मृति ईरानी से सूचना प्रसारण मंत्रालय वापस लेना बड़ा फैसला माना जा रहा है. स्मृति से इससे पहले भी एचआरडी मंत्रालय छीना गया था और अब सूचना प्रसारण मंत्रालय.ईरानी अब केवल टेक्सटाइल मंत्रालय की प्रभारी रहेंगी.एक के बाद एक विवादित फैसले की वजह से पीएम मोदी को अबत ईरानी खटकने लगी हैं.
हाल ही में लिया था फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए विवादित फैसला लिया था जिसे खुद पीएम को पलटना पड़ा था.स्मृति ईरानी के शिक्षा मंत्री बनने के बाद यूजीसी के निर्देश पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को चार साल का डिग्री कोर्स वापस लेना पड़ा था.शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी पर दो अलग चुनावी शपथपत्र में अपनी शिक्षा के बारे में अलग-अलग जानकारी देने के आरोप लगे.एचआरडी मंत्रालय की तरफ से संचालित सेंट्रल स्कूलों में जर्मन की जगह संस्कृत भाषा लाने के उनके फैसले पर भी काफी बवाल मचा.अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर विरोध जताकर मंत्रालय विवादों में आ चुका है.हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी पर भी स्मृति के मंत्रालय की किरकिरी हो चुकी है.जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में महिषासुर दिवस मनाए जाने और दुर्गा को लेकर इरानी ने संसद में एक पर्चा पढ़ा था, जिस पर विवाद हो गया था. तब स्मृति ने कथित तौर पर कहा था कि दलित और पिछड़े वर्ग के छात्र मां दुर्गा का अश्लील चित्रण करते हैं. इस पर कई दिनों तक उनके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था.एक के बाद एक विवाद पैदा करनेवाली ये मंत्री मोदी सरकार को अब ना उगलते बन रही हैं ना ही उगलते.