कल बंद रहेंगे बिहार के सभी सरकारी विद्यालय, विधानसभा के समक्ष होगा महाधरना सह महाप्रदर्शन
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के महासचिव मंडल के सदस्य अमित विक्रम ने कहा कि नियमित शिक्षकों की भांति नियोजित शिक्षकों को वेतनमान एवम हूबहू सेवा शर्त लागू करने सहित सात सूत्री माँग को लेकर शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर कल 18 जुलाई को पूरे बिहार के सभी सरकारी विद्यालय बंद रहेंगे। बिहार के सभी कोटि के शिक्षक अपने विद्यालयों को बंद रखते हुए विधान सभा के समक्ष आक्रोषपूर्ण प्रदर्शन एवं एकदिवसीय विशाल धरना देंगे। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट के समान काम समान वेतन को लेकर फैसला आने के बाद विभिन्न शिक्षक संगठन लागातार आंदोलन की धमकी देते रहे हैं।
लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से शिक्षकों की माँगों को लेकर वार्ता की कोई पेशकश नहीं की गई। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग मुख्य सचिव आर के महाजन के द्वारा मीडिया में नियोजित शिक्षकों के बारे में दिए गए आपत्तिजनक बयानों से भी शिक्षक बहुत आक्रोशित हैं। इस आंदोलन को प्राथमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट, अराजपत्रित शिक्षक संघ, बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ, बिहार राज्य पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ, टीईटी शिक्षक संघ, टीईटी-एसटीईटी शिक्षक संघ, टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ सहित कुल 18 शिक्षक संघों ने कल बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले समर्थन दिया है।
सभी शिक्षक संघ पिछले दस दिनों से विभन्न जिलों में बैठक एवं संपर्क अभियान चला कर आंदोलन की सफलता के लिए प्रयासरत हैं। पूरे बिहार से लगभग 2 लाख शिक्षकों के इस आंदोलन में पटना पहुँचने की उम्मीद है। अध्यक्ष मंडल के सदस्य रजनीश रंजन ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के प्रति सरकार का रवैया विद्वेषपूर्ण रहा है। नवप्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में हो रही देरी एवं औरंगाबाद में शिक्षक नेता पर हुए हमले से यह साबित होता है कि शिक्षा विभाग के राज्य से लेकर जिला व प्रखंड पदाधिकारी शिक्षकों का केवल शोषण करना चाहते हैं। शिक्षकों का वेतन बारबार लटकाया जाता है, उनका उचित वेतन निर्धारण नहीं किया जाता है व इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले शिक्षक नेताओं को हराकर कुचलने के प्रयास कर रही है। इसके खिलाफ शिक्षकों ने आंदोलन का बिगुल फूँक दिया है। कल से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत हो रही है। जब तक शिक्षकों की सात सूत्री माँग पूरी नहीं हो जाती है आंदोलन चलता रहेगा।
१) पुराने नियमित शिक्षकों की भांति नियोजित शिक्षकों को वेतनमान एवम हूबहू सेवा शर्त लागू किया जाय
२) पुरानी पेंशन योजना से सभी शिक्षकों को आच्छादित किया जाय।
३) सामान्य भविष्य निधि एवम ग्रुप बीमा से सभी शिक्षको को आच्छादित किया जाय।
४) शिक्षकों के अप्रशिक्षित आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति किया जाय। वर्ष 2006 से पूर्व अनुकम्पा समिति द्वारा अनुशंसित शिक्षको को अनुशंसा की तिथि से पूर्ण वेतनमान दिया जाय।
५) समान स्कूल प्रणाली लागू किया जाय।सत्र शुरू होने से पूर्व छात्रों को पाठ्य पुस्तक उप्लवध कराया जय।
६) शिक्षको को सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कर ससमय वेतन दिया जाय।
७) शहरी क्षेत्रों में कार्यरत सभी नियोजित शिक्षकों को शहरी परिवहन भत्ता का लाभ दिया जाय।