लालू की जमानत नीतीश को परेशान करेगी, बीजेपी के लिए तो हथियार हैं लालू
सिटी पोस्ट लाइवः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को कल देवघर कोषागार मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली है। जमानत के ब बावजूद लालू जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे क्योंकि उन्हें अन्य दो मामलों में अभी जमानत नहीं मिली है लेकिन कहा जा रहा है कि इस जमानत को आधार बनाकर उन दो मामलों में भी अदालत से जमानत मांगी जाएगी। लालू के जेल से बाहर आने के खबरों और कयासों के बीच बिहार की राजनीति में यह चर्चा गर्म हो चली है कि लालू के जेल से बाहर आने पर राजद और लालू फैमिली को कितना फायदा होगा? यह सवाल भी टहल रहे हैं कि लालू जेल से बाहर आते हैं तो नुकसान किसका कितना होगा। क्या बीजेपी को नुकसान होगा, जेडीयू को होगा या दोनों को होगा।़
दरअसल लालू अगर जेल से बाहर आते हैं तो नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। ऐसा न सिर्फ राजनीतिक पंडितों का मानना है बल्कि बिहार की राजनीति की यह तय स्थिति परिस्थिति है कि लालू से नीतीश को खतरा ज्यादा है। बीजेपी के लिए लालू की जमानत एक कारगर रणनीति की तरह है जिसके तहत नीतीश पर नियंत्रण आसान रहेगा। सियासत शायद इसी को कहते हैं कि कई बार अपने सबसे बड़े सियासी दुश्मन को संजीवनी देनी पड़ती है, उसे ह रा-भरा रखना पड़ता है क्योंकि लोहा लोहे को काटता है वाला फार्मूला यहां बड़ा काम करता है। बीजेपी इसी फार्मूले के तहत अपने सियासी दुश्मन लालू के सहारे नीतीश कुमार को कंट्रोल करना चाहती है।
बीजेपी नहीं चाहती की लालू कमजोर हों बल्कि बीजेपी लालू को मजबूत देखना चाहती है ताकि नीतीश कुमार के पास एनडीए के अलावा दूसरा विकल्प न बचे। लालू और नीतीश तकरीबन एक हीं समीकरण को साधते रहे हैं और अगर जेल से बाहर आकर लालू ने उन समीकरणों का गणित ठीक कर लिया और उसे साधने में कामयाब हुए तो जाहिर है नीतीश कुमार कमजोर होंगे और बीजेपी की ताकत पर निर्भर होंगे और भाजपा यही चाहती भी है क्योंकि नीतीश कुमार समय समय पर बीजेपी को जो अकड़ दिखाते हैं वो उसे पसंद नहीं है। बीजेपी चाहती है कि नीतीश अकड़ने वाली सियासी हैसियत में न रहें वे कमजोर हों और बीजेपी पर निर्भर रहें भले लालू मजबूत होकर उभरें।
चाहे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू को सांकेतिक हिस्सेदारी देने वाला मामला हो, गिरिराज सिंह का ट्वीट हो या फिर धारा 370, तीन तलाक और कामन सिविल कोड जैसे मुद्दे हों नीतीश बीजेपी को आंखे दिखाते रहे हैं इन्हीं वजहांे से भाजपा लालू को मजबूत देखना चाहती है। कुल मिलाकर लालू बीजेपी के लिए एक हथियार साबित हो सकते हैं जिससे नीतीश को कंट्रोल में रखा जा सकता है इसमें लालू को कितना फायदा होगा यह कहना मुश्किल है लेकिन यह कहना बिल्कुल आसान है कि इस रणनीति से बीजेपी को बहुत फायदा है और नीतीश को बहुत नुकसान