रोहतास में खनन विभाग पर बालू माफिया का हमला, खनन विभाग की गाड़ी छतिग्रस्त
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार में शराब माफिया, पत्थर माफिया से लेकर बालू माफिया का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि उन्होंने कुछ विशेष इलाकों में वे अपनी समानांतर सरकार चला रहे हैं. आये दिन वो खननं विभाग के कर्मी व पुलिस पर हमला करते रहते हैं. उनके हथियार छिनने जैसी वारदात को भी अंजाम देने में थोडा भी संकोंच नही करते। आज शानिवार को भी रोहतास जिले में बालू की अवैध निकासी के बाद अवैध तरीके से राष्ट्रीय राजमार्ग- 2 से ले जाने के क्रम में बालू माफिया ने छापेमारी करने पहुंची सहायक खनन पदाधिकारी मनोज अम्बष्ट और उनकी टीम पर जानलेवा हमला कर दिया है। जिसमें कुछ लोगो को छोटे भी लगी हमले में सहायक खननं पदाधिकारी मनोज अम्बष्ट का वाहन छतिग्रस्त हो गया।
सहायक खननं पदाधिकारी मनोज अम्बष्ट ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि औरँगाबाद जिले के बारुण घाट से बालू की अवैध निकासी कर राष्ट्रीय राज मार्ग-2 से सोन नदी पुल से रोहतास जिले के डेहरी लाया जा रहा है। राष्ट्रीय राज मार्ग-2 सोन नदी पुल पर पहुँचने पर तो देखा गया कि सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टरों से अवैध बालू ढोया जा रहा था जब उन्हें रोकने की कोशिश की गयी तो बालू माफियाओ ने ईंट पत्थर से उनपर हमला बोल दिया. जिसमे हल्की चोटे लगी एवं व हमारी गाड़ी को छतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नही होने की वजह से उन पर और उनकी टीम पर हमला कर दिया गया और ट्रैक्टरो पर बालू लदे गाड़ियों से बालू को पुल पर ही डंप कर भाग निकले।
थोड़ी देर में जब अनुमंडलाधिकारी, डेहरी लाल ज्योतिनाथ सहदेव और अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, डेहरी संजय कुमार पुलिस बल के साथ पहुँची तो अपने अपने ट्रैक्टरों से पुल पर ही बालू गिरा कर भाग गए जिससे कि बालू डंप से NH-2 सोन नदी पुल पर जाम लग गया और गाड़ियों की लंबी कतारें लग गयी। उन्होंने कहाँ की वो इन माफियाओं से डरने वाले नही लगातार छापेमारी अभियान चलती रहेगी ।दिनों जिलो के अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय बनाकर इन माफियाओं पर नकेल कसी जाएगी।
वैसे बालू माफिया द्वारा खननं विभाग और पुलिस बल पर हमला किये जाने का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी जिले में कई बार हमला हो चुका है। यही नही इन माफियो के हौसले इतने बुलंद है कि इन्होने औरँगाबाद में तो जिलाधिकारी और खननं पदाधिकारी पर ही हमला कर दिया था । बिहटा में बालू माफ़ियाओ ने पुलिस पर फायरिंग तक कर दी थी. बालू माफिया एक सिपाही की बंदूक भी छीन चुके हैं. आरा में तो पुलिसकर्मियों को दौड़ा दौड़ा कर पिटाई की थी। आखिर बालू माफिया का मनोबल इतना कैसे बढ़ गया? दरअसल बालू माफिया किसी न किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं. उन्हें सता या फिर राजनीतिक दलों का शह मिला हुआ है. ऐसे में उन्हें पुलिस का भय नहीं है. जिससे आये दिन इस तरह की घटना को अंजाम देने से बालू माफिया नहीं डरते।
रोहतास से विकाश चन्दन