आप रक्तदान कर जीवनदान दे रहे हैं या मौत-दान, जान लीजिये
सिटी पोस्ट लाइव : दुनिया में हर जगह लोग रक्तदान करते हैं. रक्तदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो ज़्यादातर सेहतमंद लोग रक्तदान करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपका रक्तदान जीवन बचाने की बजाय किसी का जीवन ले सकता है या फिर उसे जीवन भर के लिए गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है. रक्त दान के लिए कई नियमों का पालन किया जाना बेहद जरुरी होता है. एक मिथक के अनुसार शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं कर सकते.एक सर्वे के मुताबिक़ ज्यादातर लोगों का मानना है कि शाकाहारी लोग रक्तदान करेगें तो उनके शरीर में आयरन की कमी हो जायेगी. आयरन रक्त में पाए जाने वाला एक प्रमुख घटक है जो शाकाहारी भोजन में कम पाया जाता है.
कई देशों में दान करने आए लोगों के रक्त में हीमोग्लोबिन की भी जांच करते हैं. यदि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है तो व्यक्ति को रक्त दान करने के लिए अयोग्य माना जाता है. टैटू बनवाना और अंग छिदवाने वाले लोगों पर रक्त दान करने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन उन्हें थोड़े इंतज़ार की ज़रूरत होती है. WHO की गाइडलाइन्स के मुताबिक़ रक्तदान के लिए टैटू बनवाने के बाद 6 घंटे और किसी पेशेवर से अंग छिदवाने के बाद 12 घंटे का इंतज़ार ज़रूरी है. इसके अलावा दांत के डॉक्टर के पीस आने के बाद से 24 घंटे का इंतज़ार करना होता है. बीमार, प्रेग्नेंट हैं तो रक्तदान नहीं कर सकते. जो लोग एचआईवी (एड्स वायरस), हेपेटाइटिस, सिफलिस, तपेदिक के लिए सकारात्मक पाए जाते हैं वे भी रक्तदान नहीं कर सकते हैं.
रक्तदान करने से 14 दिन पहले ही आपका किसी भी तरह के संक्रमण से मुक्त होना ज़रूरी है और अगर आप कोई ख़ास दवाईयां ले रहे हैं तो रक्तदान करने के सात दिन पहले दवाईयों का कोर्स पूरा करना बेहद ज़रूरी है.अगर आप प्रेग्नेंट हैं, स्तनपान कराती हैं या फिर अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया है या हाल ही में अबॉर्शन कराया है तो आपको रक्तदान करने से पहले आयरन चेक कराने के लिए कुछ समय इंतज़ार करने की आवश्यकता होगी.भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित विभाग राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नाको (NACO) के अनुसार प्रेग्नेंसी के मामले में 12 महीने तो अबॉर्शन के मामले में यह समय सीमा 6 महीने की है.
मासिक धर्म भी रक्तदान करने में किसी तरह की कोई बाधा पैदा नहीं करते हैं. नाको के मुताबिक़ भारत में रक्तदान करने की कम से कम उम्र 18 साल है. वैसे अलग-अलग देशों में यह उम्र अलग-अलग है, जैसे, अमरीका में रक्तदान की शुरुआती उम्र 16 साल है. जो लोग सेक्स वर्कर हैं या जो सेक्स वर्कर के साथ यौन सम्बन्ध बनाते हैं वो रक्तदान नहीं कर सकते .यह भी एक ग़लत भ्रांति है कि रक्तदान से शरीर में ख़ून ख़त्म हो जायेगा.एक औसत वयस्क शरीर में लगभग पांच लीटर ख़ून होता है. हालांकि यह शरीर के वज़न पर भी निर्भर करता है. वहीं रक्तदान के दौरान लगभग 450 मिलीलीटर ख़ून आपके शरीर से निकाला जाता है और सेहतमंद व्यक्ति इतना रक्त 24 से 48 घंटों में फिर से बना लेता है.अमरीका में आप रक्तदान साल में 12 बार कर सकते हैं यानी प्रत्येक चार हफ़्ते में एक बार, वहीं अगर प्लेटलेट्स दान की बात करें तो इसे आप सालाना 24 बार तक कर सकते हैं.
वहीं नाकों (NACO) के मुताबिक़ भारत में पुरुष तीन महीने में एक बार और महिलाएं चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं.लेकिन रक्तदान वहीँ कर सकते हैं जो पूर्ण रूप से सेहतमंद हैं.जिनका वज़न कम से कम 50 किलो और ज़्यादा से ज़्यादा 160 किलो हो.रक्तदान के लिए आपकी उम्र 18 से लेकर 66 साल होना चाहिए . प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलायें या फिर एचआवी से जुड़ा कोई इतिहास वाला व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता. अगर वो करता है तो उसका रक्तदान जानलेवा साबित हो सकता है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या रक्तदान शिविर का आयोजन करनेवाले लोग या फिर रक्तदान लेनेवाले अस्पताल ईन सारे नियमों का ध्यान रखते हैं. जबाब होगा बिलकुल नहीं .रक्तदान शिविर का आयोजन करनेवाली संस्थाएं न तो ईन सारी सावधानियों का ध्यान रखती हैं और ना ही इस रक्त का इस्तेमाल करनेवाले अस्पताल या व्यक्ति रक्त का इस्तेमाल करने से पहले जरुरी जांच करते हैं. फिर रक्तदान कितना सुरक्षित है ,आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं.अगर आपने ईन नियमों की अनदेखी की तो आपका रक्त किसी को जीवन दान देने की बजाय उसकी मौत या फिर उसकी बिमारी को और भयावह बनाने की वजह बन सकता है.