City Post Live
NEWS 24x7

SKMCH के डॉक्टरों ने किया दावा,बारिश होने से कम रही है चमकी बुखार का असर

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

SKMCH के डॉक्टरों ने किया दावा,बारिश होने से कम रही है चमकी बुखार का असर

सिटी पोस्ट लाइव- बिहार में बारिश के आते ही चमकी बुखार से पीड़ीत मासूमों के लिए राहत भरी खबर है. इस बुखार से अधिकतर पीड़ीत बच्चे मुजफ्फरपुर और उसके आस-पास में पाए गये हैं. इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से श्री कृष्ण मेमोरियल हॉस्पिटल एंड कॉलेज (SKMCH) और केजरीवाल अस्पताल में करीब 130 से अधिक बच्चों की जान जा चुकी है. अब SKMCH के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने कहा है कि बुखार का असर कम होने लगा है. उन्होंने बताया, ‘शनिवार शाम से सिर्फ एक मरीज की जान गई है. अस्पताल में अबतक 109 बच्चों की मौत हो चुकी है. 225 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है और आज (23 जून) 39 को डिस्चार्ज किया जाएगा.’

राज्य में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार से अब तक 163 बच्चों की मौत हो चुकी है. मुजफ्फरपुर जिले में ही अब तक 580 बच्चे बीमारी से प्रभावित हैं. लेकिन, बारिश के बाद से मरीजों की संख्या में कमी आ रही है. चाइल्ड स्पेशलिस्ट बताते हैं कि बारिश के साथ ही चमकी बुखार से हो रही मौत का सिलसिला थमने लगेगा. दरअसल, इस बीमारी का कारण हीट और ह्यूमिडिटी है. इलाके में गर्मी जब 40 डिग्री के पार होती है और ह्यूमिडिटी 60 पार होती है और यह स्थिति कई दिनों तक लगातार बनी रहती है तो बच्चे बीमार होने लगते हैं.

लेकिन सबसे बड़ी गौर करनेवाली बात यहाँ यह है कि इस एईएस बुखार के बाद स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल गई. मरीज एवं परिजन आरोप लगाते रहें कि उनके बच्चे की देखभाल सही तरीके से नहीं की जा रही है . दवा बाहर से लाने को वे मजबूर हैं. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी मासूमों के बीच अस्पाताल में 14 दिन बाद तो वहीं मुख्यमंत्री 17 दिनों के बाद अस्पताल पहुंचे. हालांकि लोगों ने नीतीश कुमार वापस जाओ के नारे भी लगाए.                                                                                                                                                                    जे.पी.चंद्रा की रिपोर्ट

 

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.