विश्व शांति, सदभाव और समृद्धि के लिए योग जरूरीः नरेंद्र मोदी
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बिरसा मुंडा की कर्म भूमि से योग की महत्ता का दुनिया को संदेश दिया। रांची के प्रभात तारा मैदान में शुक्रवार को झारखंड की स्थानीय भाषा नगपुरिया में संबोधन के साथ ही योग दिवस कार्यक्रम का आगाज कर उन्होंने भरपूर तालियां बटोरीं। प्रधानमंत्री ने कहा, ”झारखंड कर भाई-बहिन मन के मोर बहुत-बहुत जोहार। विश्व शांति, सदभाव और समृद्धि के लिए योग अपनायें। आज रांची विश्व फलक पर चमक रहा है। रांची के लिए मेरे मन में विशेष जगह तो है ही लेकिन यहां योग दिवस के आयोजन के तीन महत्वपूर्ण कारण रहे। झारखंड के नाम से इस पर प्रकृति की विशेष कृपा का अहसास होता है और योग प्रकृति के बहुत क़रीब है। साथ ही स्वास्थ्य की सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत का शुभारंभ रांची में पिछले वर्ष 23 सितम्बर को हुआ था। आज यह योजना बहुत कम समय में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। झारखंड में योग प्रारंभ से ही इसकी संस्कृति का हिस्सा रहा है। यहां के छउ नृत्य की शैली और मुद्राएं योग का आभास कराती हैं। हमें मिलकर योग को और उंचे स्तर तक लेकर जाना है।” इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी सहित आला अधिकारी, समाज के विभिन्न वर्गों के लोग, विद्यार्थी, युवा और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।
योग गरीब और आदिवासियों के जीवन का हिस्सा बने, वे स्वस्थ और संपन्न बनें
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में योग सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले गरीब और आदिवासियों तक नहीं पहुंच पाया है। हमें मिलकर योग को उन तक पहुंचाना है, क्योंकि योग से बीमारी को दूर रखा जा सकता है। गरीब बीमारी की वजह से कष्ट पाते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि योग को उन तक पहुंचा कर हम उन्हें बीमारी के चंगुल से बचायेंगे। अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है।
थके शरीर और टूटे मन से न तो सपने सजाये जा सकते हैं और न ही अरमान साकार होंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब उत्तम स्वास्थ्य होता है तो जीवन की नई ऊंचाइयों को पाने का एक जज्बा भी होता है। थके हुए शरीर और टूटे हुए मन से न तो सपने सजाये जा सकते हैं और न ही अरमानों को साकार किया जा सकता है। पर्यावरण, पोषण, पानी और परिश्रम- ये चार ‘प’ हमारे स्वास्थ्य के लिए परिणाम देते हैं। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस “योगा फ़ॉर हार्ट केयर” पर आयोजित किया जा रहा है। हृदय रोग पूरी दुनिया के समक्ष एक चुनौती बन चुका है। युवाओं में भी समस्या बढ़ रही है। योग के प्रचार प्रसार में झारखंड के संस्थान हार्ट केयर जागरूकता को लेकर आगे बढ़ें। इस वर्ष योग को बढ़ावा देने के लिए जिन्हें पुरस्कार मिला, मैं उनके समर्पण और तपस्या को नमन करता हूं।
युवा पीढ़ी योग को आधुनिकता से जोड़ रही है
प्रधानमंत्री ने बताया कि योग को युवा पीढ़ी आधुनिकता से जोड़ रही है। उनके क्रिएटिव आइडिया से योग और जीवंत हो रहा है। भारत में योग के प्रति जागरूकता हर वर्ग तक पहुंची है। इसका अनुभव किया जा सकता है। आज हमारा योग दुनिया अपना रही है। हमें योग पर हो रहे अनुसंधान को बढ़ावा देकर इसकी जानकारी दुनिया को देते रहना है। सरकार इस आवश्यकता को समझते हुए कार्य कर रही है।
देवघर के रिखिया आश्रम और रांची के योगदा सत्संग थीम बनाकर आयोजन करें
प्रधानमंत्री ने झारखंड में देवघर के रिखिया आश्रम और रांची के योगदा सत्संग का नाम लेते हुए कहा कि योग से जुड़ी देश भर की संस्थाओं को भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व को योग के व्यापक महत्व से अवगत कराने के लिए आगे आयें और इस वर्ष हार्ट फॉर अवेयरनेश को थीम बनाकर आयोजन करें।
योग तो यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है
पीएम मोदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा देश के भविष्य हैं और देश के विकास में उनकी अहम् भूमिका है। आज यहां युवाओं ने योग में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। यह अच्छी बात है। आज की पीढ़ी के लिए योग बहुत ही जरूरी है। अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए योग एक सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘योग’ का मतलब सिर्फ ‘आसन’ नहीं होता। योग तो यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि के संपूर्ण प्रकारों का नाम हैं।
नया भारत बनाने में स्वस्थ भारत की बड़ी भूमिका, 100 योग केंद्र खोलेगी सरकारः रघुवर दास
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह झारखंड का सौभाग्य है कि वीर बिरसा आबा की धरा पर पूरी दुनिया में योग को एक नई पहचान देने वाले व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी के साथ झारखंडवासी योग कर रहें हैं। रांची का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री का बहुत आभार। आपके नेतृत्व में झारखंड आगे बढ़ रहा है। इस वैश्विक युग में मानव विकास और मानव संसाधन को विकसित करने के लिए योग जरूरी है। नये भारत के निर्माण के लिए स्वस्थ भारत की बड़ी भूमिका होगी। यह बात हम सभी को समझनी होगी। तभी स्वस्थ समाज, स्वस्थ राज्य और स्वस्थ भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड का योग से पुराना रिश्ता रहा है। संथाली, हो, मुंडा समेत अन्य जनजातीय समुदाय भी अपने सांस्कृतिक और दैनिक जीवन में योग को अपनाये हुए हैं। करमा, सरहुल सहित अन्य पर्व में योग की झलक देखने को मिलती है। यहां के संस्थान भी योग को लेकर गंभीर हैं, फिर वो रामकृष्ण मिशन हो या देवघर का रिखिया धाम। वर्तमान में 340 योग केंद्रों में योग की शिक्षा दी जा रही है। 100 और सेंटर प्रारंभ करने की योजना सरकार की है।
योग से लोगों के जीवन शैली में एक बहुत बड़ा परिवर्तनः श्रीपद येसो नाइक
केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाइक ने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बड़ी ही गतिशीलता के साथ हम योग के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान पूरे विश्व पटल पर बना रहे हैं। योग से लोगों के जीवन शैली में एक बहुत बड़ा परिवर्तन लाया है।